लंदन। इन दिनों यूरोप एयरलाइंस (Europe Airlines) के सामने एक बड़ी समस्या बनी हुई है. क्योंकि यूरोप (Europe) के आसमान में इस समय ज्यादातर घोष्ट फ्लाइट्स (Ghost Flight) नजर आ रही हैं. दरअसल यूरोप (Europe) में अपने विमान के रूट को बचाए रखने के लिए एयरलाइंस कंपनी (airline company) को आधे से ज्यादा विमानों को उड़ाए रखने होते हैं. ऐसे में इस समय कंपनियों के बहुत सारे खाली विमान ही आसमान में उड़ाना पड़ रहा है जिसे अब घोष्ट फ्लाइट (Ghost Flight) का नाम दिया जाने लगा है.
दरअसल यूरोपीय आयोग (The European Commission) का नियम है आपको अगर अपने एयर स्पेस (air space) में जगह को बनाए रखना है तो कंपनी को कम से कम 50 प्रतिशत विमानों का इस्तेमामल करना अनिवार्य है. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) का एयरलाइंस कंपनी का बुरा प्रभाव पड़ा. कोरोना की वजह से लोग कम यात्राएं कर रहें. बहुत से विमानों पूरी तरह से खाली रह रहे हैं जबकि जिन विमानों को टिकट मिल रहे हैं वह भी पूरे नहीं भर पाते.
एक जानकारी के मुताबिक लुफ्थांसा ने चेतावनी दी कि उसके कुल एयर स्पेस में का 5 से 6 प्रतिशत जो कि 18,000 फ्लाइट होंगी पूरी तरह से गैरजरूरी फ्लाइट होंगी. कंपनी ने कहा कि इन विमानों में यात्री इतने कम होंगे कि कंपनी को कोई भी कमाई नहीं होगी. लुफ्थांसा ने पहले ही 33,000 रास्तों से पहले ही उड़ाने हटाने का ऐलान कर दिया है. अगर कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता है तो आने वाले समय में विमानों के संचालन में और कमी आ सकती है. हालांकि महामारी को देखते हुए एयरस्पेस की अनिवार्यता को घटा दिया गया है. पहले कंपनियों के लिए अपनी जगह को बचाए रखने के लिए 80 प्रतिशत जगह को यूज करना होता था लेकिन महामारी के समय इसे घटा कर 50 प्रतिशत कर दिया गया. 2020 में जब कोरोना महामारी शुरू हुई थी तो यूरोपीय कमीशन ने इस नियम को खत्म कर दिया था लेकिन 2021 फरवरी में इसे फिर से 50 प्रतिशत जगह के प्रयोग के साथ लागू कर दिया गया था. विमानन कंपनियों के हालात इतने मुश्किल हो गए हैं कि 50 प्रतिशत की सीमा भी अधिक लगने लगी है. कंपनियां आयोग से इसे कम कराने की मांग कर रही है. इतना ही नहीं यूरोपीय संघ के कई देशों की तरफ से भी इसे कम करने की मांग आ रही है.