नई दिल्ली । फ्रांस में राफेल प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टीम का नेतृत्व करने वाले एयर कमोडोर डीएस डांगी को एयरफोर्स स्टेशन तेजपुर (सलूनबीरी) का एयर ऑफिसर कमांडिंग नियुक्त किया गया है। उन्होंने गुरुवार को एयर कमोडोर तेजपाल सिंह से चार्ज लिया। कर्तव्य के प्रति असाधारण समर्पण के लिए राष्ट्रपति की ओर से उन्हें 2012 में ‘वायु सेना पदक’ से सम्मानित किया जा चुका है।
एयर कमोडोर धर्मेंद्र सिंह डांगी को 19 दिसम्बर, 92 को भारतीय वायु सेना की फ्लाइंग ब्रांच में कमीशन किया गया था। उन्होंने 01 सितम्बर, 09 से एक सुखोई-30 एमकेआई स्क्वाड्रन की कमान फ्लाइट कमांडर के रूप में संभाली है। वह लड़ाकू विमान मिग-27 को अपग्रेड करने की परियोजना के वरिष्ठ परीक्षण पायलट भी रहे हैं। अपग्रेड परियोजना में उनकी गहरी भागीदारी और योगदान के चलते ही मिग-27 की प्रारंभिक परिचालन मंजूरी समय पर मिल सकी और इन विमानों को वायुसेना के बेड़े में समय से शामिल किया जा सका। उनके फ़्लाइंग अनुभव और सुखोई विमानों का परीक्षण पायलट रहने का लाभ विमानों के तकनीकी उन्नयन या रखरखाव से संबंधित मुद्दों का विश्लेषण और समाधान करने में वायुसेना को मिला है।
एयर कमोडोर डांगी योग्य पायलट अटैक इंस्ट्रक्टर, क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और एक प्रायोगिक टेस्ट पायलट हैं जो दुर्लभ संयोजन है जिसे अब तक केवल कुछ ही पायलटों ने हासिल किया है। वायुसेना में 2800 घंटे की त्रुटिहीन उड़ान का रिकॉर्ड उनके नाम है जिसके लिए उन्हें 1999 और 2009 में वायु सेना प्रमुख द्वारा सराहा जा चुका है। उन्हें सितम्बर, 2009 में पूर्वी वायु कमान में सुखोई की पहली स्क्वाड्रन का गठन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसमें अत्यंत सीमित जनशक्ति और संसाधनों के साथ जमीनी स्तर से इकाई के परिचालन, रखरखाव और प्रशासनिक सेटअप को शामिल करना शामिल था। इस बमुश्किल कार्य को उन्होंने अपनी दूरदर्शिता और प्रबंधकीय कौशल से पूरा किया जिससे समय से संचालन शुरू हो सका।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved