दोहा। दोहा में आयोजित इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की वार्षिक आम बैठक के मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए एयरबस के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी क्रिश्चियन शेरेर ने रविवार को कहा कि एयर इंडिया अंतरराष्ट्रीय यात्री बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के लिए नए विमानों में निवेश करना चाहती है। उन्होंने यह भी कहा कि टाटा समूह के सक्षम नेतृत्व के तहत कंपनी खुद को पुनर्गठित कर रही है। हालांकि इस दौरान वे A350 विमान ऑर्डर पर प्रतिक्रिया देने से बचते नजर आए।
एयरबस के A350 विमान खरीदने की हैं अटकलें
बैठक के बाद जब क्रिश्चियन शेरेर से पूछा गया कि क्या एयर इंडिया ने एयरबस के साथ ए 350 विमान ऑर्डर को अंतिम रूप दिया था? इस पर उन्होंने कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया। गौरतलब है कि उनकी टिप्पणी तब आई है, जब पिछले हफ्ते यह रिपोर्ट आई थी कि टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया ने एयरबस से चौड़े आकार वाले A350 विमान के अपने पहले बैच को खरीदने का फैसला किया है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि मार्च 2023 तक एयरलाइन को पहला विमान भी दे दिया जाएगा। हालांकि, रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि एयर इंडिया कितने A-350 विमान खरीदेगी।
2006 के बाद कंपनी ने नहीं खरीदा है एक भी विमान
एयर इंडिया ने 2006 के बाद से एक भी विमान नहीं खरीदा है। तब उसने 111 विमान खरीदने का ऑर्डर दिया था। इसमें से 68 विमान उसने अमेरिका की विमान निर्माता कंपनी बोइंग से खरीदे थे और 43 विमानों का ऑर्डर यूरोपीय विमान निर्माता एयरबस को दिया था। गौरतलब है कि पिछले साल 8 अक्टूबर को एयर इंडिया एयरलाइन के लिए सबसे बड़ी बोली लगाने के बाद टाटा समूह ने 27 जनवरी को एयर इंडिया का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था। जिसके बाद से ही कंपनी टाटा समूह के तहत खुद को पुनर्गठित करने में लगी है।
अप्रैल के बाद बदल गया है शीर्ष मैनेजमेंट
अप्रैल के बाद से, एयरलाइन के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन ने एयरलाइन के शीर्ष प्रबंधन को बदल दिया है। वे उन वरिष्ठ और मध्यम स्तर के अधिकारियों को लेकर आए हैं जिन्होंने टाटा समूह की अन्य कंपनियों जैसे टाटा स्टील और विस्तारा में काम किया है। इसी क्रम में कंपनी अपने वरिष्ठ पायलटों को A-350 विमानों को संचालित करने के लिए करवर्जन ट्रेनिंग देना चाह रही है। इसको लेकर उसने वरिष्ठ पायलटों की रुचि भी पूछी है।
दरअसल, एयर इंडिया के पास अधिकांश विमान बोइंग के ही हैं। इस कारण एयर इंडिया के पायलटों को बोइंग के विमानों को संचालित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। इसलिए, उन्हें एयरबस के A-350 विमान को संचालित करने के लिए करवर्जन ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है।
एयर इंडिया की वेबसाइट के अनुसार, एयरलाइन के बेड़े में कुल 49 वाइडबॉडी विमान हैं। जिनमें 18 बोइंग बी777, 4 बोइंग बी747 और 27 बोइंग बी787 शामिल हैं। इसके अलावा एयरलाइन के बेड़े में भी 79 नैरो बॉडी विमान हैं। हाल ही में सूत्रों ने कहा था कि एयर इंडिया A350 विमान खरीद रही है और मार्च 2023 तक अपना पहला A350 विमान मिलने की संभावना है। एयरबस A-350 विमानों में एक बड़ा ईंधन टैंक होता है, जो इसे भारत-अमेरिका मार्गों जैसे लंबी दूरी की यात्रा करने में बेहतर बनाता है।
एयरलाइन के लिए भारत में मुनाफा कमाना आसान नहीं
एक एयरलाइन के लिए भारत में लाभ कमाना आसान नहीं है। आईएटीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को दोहा में आयोजित वैश्विक एयरलाइंस निकाय की 78 वीं वार्षिक आम बैठक यह बात कहीं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत में विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) पर किराया सीमा और उच्च कर जैसे कई मुद्दों को हल करना होगा।
दरअसल बैठक के बाद इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) के एशिया पैसिफिक के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष फिलिप गोह से पूछा गया था कि क्या विस्तारा और एयर इंडिया का विलय टाटा समूह द्वारा किया जाना चाहिए? इसके जवाब में उन्होंने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि विस्तारा और एयर इंडिया पूर्ण-सेवा वाहक हैं। विस्तारा 5-6 सालों से व्यवसाय में है। उन्होंने कहा कि दोनों एयरलाइन कंपनी अभी भी घाटे में हैं। भारत में लाभ कमाना आसान नहीं है। भारत के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि मूल्य निर्धारण एयरलाइंस पर छोड़ दिया जाना चाहिए।
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