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एयरबोर्न स्कैनिंग से प्राइवेसी को खतरा, डेटा में हेरफेर करता है डिवाइस; जानिए कैसे

December 28, 2022

नई दिल्ली: ओंटारियो में वाटरलू विश्वविद्यालय के रिसर्चर्स ने एक ऐसा एयरबोर्न स्कैनिंग डिवाइस का पता लगाया है, जो शेल्फ ड्रोन की मदद से आपके घर में वाईफाई से जुड़े डिवाइस की लोकेशन को Triangulate कर सकता है. यह वाईफाई नेटवर्क के डेटा में हेरफेर कर सकता है. इतना ही नहीं यह स्नीकी स्कैनिंग के माध्यम से डिवाइसों के लोकेशन का पता लगा सकता है.

शोधकर्ताओं के मुताबिक यह लोकेशन रिविलिंग प्राइवेसी अटैक में शामिल हो सकता है. हाल ही में मोबाइल कंप्यूटिंग और नेटवर्किंग पर 28वें वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में अपने फाइंडिंग को प्रेजेंट करने वाले रिसर्चर अली अबेदी और दीपक वशिष्ठ ने इसे ‘वाई-पीप’ का नाम दिया है.

शोधकर्ताओं का कहना है कि यह डिवाइस IEEE 802.11 में सिक्योरिटी खामियों का फायदा उठाता है. बता दें कि IEEE 802.11 एक लोकल एक्सेस नेटवर्क के लिए एक वायरलेस प्रोटोकॉल होता है. इसमें डेटा इंटरसेप्शन और ईव्सड्रॉपिंग की समस्याएं रही हैं. इस कार्यक्रम को एक ‘टाइम-ऑफ-फ्लाइट’ तकनीक (TOF) के रूप में जाना जाता है, जो सिग्नल और ऑब्जेक्ट के बीच फिजिकल दूरी को मापने के लिए डेटा मैनिपुलैशन ट्रिक का इस्तेमाल करता है.

स्थानीय डिवाइसों के साथ संपर्क
सभी स्मार्ट डिवाइस अपने एरिया के अन्य डिवाइसों से contact attempts का ऑटोमैटिकली रिस्पांस देने के लिए तैयार होता हैं, भले ही उनका नेटवर्क पासवर्ड सुरक्षित हो. इस खामी में हेरफेर करने के लिए वाई-पीप एक टीओएफ सिग्नल को इमिट करता है जो स्थानीय डिवाइसों के साथ संपर्क बनाने का प्रयास करता है और बाद में किसी विशेष बिल्डिंग या क्षेत्र के भीतर स्पेसिफिक वाईफाई-संचालित डिवाइसों केsurreptitious localization की अनुमति देता है.


घरों के सिक्योरिटी कैमरों का लगा सकता है पता
शोधकर्ताओं के मुताबिक डिवाइस की प्रकृति का मूल्यांकन उसके मैक पते से ली गई जानकारी के माध्यम से किया जा सकता है, जो एक विशेष नेटवर्क के डिवाइसों को दिया जाने वाला यूनीक आइडेंटिफायर है. आबिदी और वशिष्ठ ने चिंता जताई है कि इस डिवाइस से हैकर संभावित रूप से घर में रहने वालों, सिक्योरिटी कैमरों और यहां तक कि घर के इंट्रूजन सेंसर के लोकेशन का अनुमान लगा सकता है.

हैकर्स की करेगा मदद
हैकर्स एक इस जानकारी का उपयोग लैपटॉप जैसी मूल्यवान वस्तुओं का पता लगाने और ऐसे मौके का पता लगाने के लिए कर सकता है जब लोग या तो घर पर नहीं होते हैं या किसी स्पेसिफिक एरिया से दूर होते हैं. अपने प्रेजेंटेशन के दौरान आबिदी ने कहा कि डिवाइस का उपयोग लोगों के फोन या स्मार्टवॉच के लोकेशन फॉलो करके बैंक के अंदर सुरक्षा गार्डों की एक्टिविटीज को ट्रैक करने के लिए भी किया जा सकता है.

दूर से हो सकता है इस्तेमाल
इतना ही नहीं यह घर में सुरक्षा कैमरे, लैपटॉप और स्मार्ट टीवी सहित स्मार्ट डिवाइसों के स्थान और प्रकार की पहचान करने में चोरों की मदद कर सकता है. इसके अलावा ड्रोन के माध्यम से यूजर्स का पता लगाए बिना इसे जल्दी और दूर से इस्तेमाल किया जा सकता है.

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