जोधपुर। वायुसेना प्रमुख (Air Force chief ) वीआर चौधरी (VR Choudhary) ने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट एलसीए तेजस (LCA Tejas) फाइटर जेट (fighter jet) की डिलीवरी में देरी को लेकर हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को स्पष्ट संदेश दे दिया है। एयर चीफ मार्शल ने कहा कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत एलसीए की मैन्युफैक्चरिंग के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रोडक्शन लाइनें बनाई जाएं। ताकि तेजस की डिलीवरी में हो रही देरी से निपटा जा सके। वहीं तेजस के इंजन सप्लाई करने वाली अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस एचएएल को नवंबर से F404 इंजन की डिलीवरी करना शुरू करेगी, जिसके बाद तेजस के प्रोडक्शन में तेजी आने की उम्मीद है।
जोधपुर में वायुसेना की मल्टीनेशनल एयर एक्सरसाइज तरंग शक्ति के दूसरे फेज की समाप्ति पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि तेजस फाइटर जेट की सप्लाई में हो रही देरी को दूर करने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत ज्यादा से ज्यादा प्रोडक्शन लाइनें बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि एचएएल को प्रोडक्शन बढ़ाने और तय समयसीमा पर विमानों की डिलीवरी करने के लिए समाधान खोजने में अहम भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि तरंग शक्ति एक्सरसाइज में एलसीए का प्रदर्शन बेहद शानदार रहा है। लेकिन अहम सवाल हमारी जरूरतों के साथ प्रोडक्शन को भी देखना है। 83 एलसीए एमके-1ए के हमारे मौजूदा ऑर्डर के बाद 97 और तेजस का ऑर्डर है, जिनकी डिलीवरी में काफी लंबा समय लगेगा।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि जीई एयरोस्पेस से F-404 इंजन की डिलीवरी अगले महीने से शुरू होने की उम्मीद है, जीई ने 99 इंजनों का ऑर्डर पूरा होने तक हर महीने दो इंजन देने की बात कही है। सूत्रों का कहना है कि पिछले महीने राजनाथ सिंह की अमेरिका यात्रा के दौरान इंजन की डिलीवरी में देरी का मुद्दा उठाया था। जिसके बाद जीई ने जल्द सप्लाई देने का भरोसा जताया है। एचएएल ने अगस्त 2021 में इन इंजनों के लिए जीई के साथ 716 मिलियन अमरीकी डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था। भारतीय वायुसेना ने शुरू में 83 तेजस एमके-1ए फाइटर जेट का ऑर्डर दिया था, जिसकी कीमत 48,000 करोड़ रुपये थी। लेकिन सरकार उसके बाद 97 अतिरिक्त तेजस का ऑर्डर भी दिया था। लेकिन इंजन की डिलीवरी में लगभग 10 महीने की देरी हो रही है।
भारतीय वायुसेना तकरीबन 120 एलसीए एमके-2 फाइटर जेट का ऑर्डर देने की योजना बना रही है, जिनका निर्माण भी एचएएल करेगा। हालांकि एचएएल का दावा है कि वे अब एक साल में 24 तेजस बना सकते हैं, लेकिन वायुसेना को कहीं न कहीं उनके इस दावे पर भरोसा नहीं है। इससे पहले एचएएल को पहले तेजस एमके-1ए की डिलीवरी 31 मार्च, 2024 तक करनी थी। लेकिन अब पहला विमान अब दिसंबर तक ही मिलने की संभावना है। वहीं, इंजन की डिलीवरी में करीब 10 महीने की देरी के साथ ही, तेजस में लगे कई सिस्टम्स के सर्टिफिकेशन में भी देरी हो रही है।
हालांकि केवल तेजस ही नहीं, भारतीय वायुसेना पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) को भी शामिल करना चाहती है। लेकिन एएमसीए का प्रोडक्शन 2035 तक ही शुरू होने की उम्मीद है। वहीं, AMCA का प्रोटोटाइप ही 2028-29 तक ही आएगा। वहीं AMCA प्रोजेक्ट के प्रोटोटाइप को मंजूरी के बाद 2034-35 तक ही यह भारतीय वायुसेना में शामिल हो पाएगा।
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