नई दिल्ली (New Delhi)। एक बार फिर वायुसेना (Indian Air Force) देवदूत बनी। जवान (soldier) को बचाने के लिए घुप अंधेरे में अभियान चलाया (campaign conducted in complete darkness) और एयरलिफ्ट (airlift) कर वक्त पर दिल्ली पहुंचाया। यहां ऑपरेशन कर उसका कटा हाथ जोड़ा गया। बताया जा रहा है कि अगर समय रहते ऑपरेशन नहीं होता तो जवान (soldier) हमेशा के लिए दिव्यांग हो सकता था।
लद्दाख की यह घटना बुधवार की है, और बचाव अभियान में वायु सेना के सी-130जे विमान का इस्तेमाल किया गया। घायल जवान को पहले लेह हवाई अड्डे लाया गया और वहां से सुपर हरक्यूलिस विमान उसे दिल्ली के पालम वायुसेना स्टेशन लेकर पहुंचा। अभियान के दौरान अंधेरे में भी देखने में सक्षम नाइट विजन चश्मों का इस्तेमाल किया गया।
बेहतर समन्वय से हुआ संभव
लेह हवाई अड्डे से दिल्ली पहुंचने में करीब चार घंटे का वक्त लगा और सेना और वायु सेना के बीच बेहतर समन्वय ने यह सुनिश्चित किया कि घायल जवान को समय रहते सर्जरी के लिए अस्पताल पहुंचाया जा सके। भारतीय वायुसेना ने शुक्रवार सुबह सोशल मीडिया पोस्ट पर इस घटना के बारे में जानकारी दी और स्वास्थ्य लाभ कर रहे जवान की तस्वीर भी पोस्ट की।
छह से आठ घंटे में सर्जरी थी जरूरी
पोस्ट में बताया गया है कि अग्रिम इलाके में तैनात यूनिट के एक जवान का हाथ मशीन चलाते वक्त हाथ कट गया था। इसे जोड़ने के लिए आपातकालीन सर्जरी में छह से आठ घंटे का वक्त दिया गया, जिसे देखते हुए वायुसेना के सी-130जे विमान को घायल जवान को दिल्ली लाने के लिए एक घंटे के भीतर रवाना कर दिया गया।
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