भोपाल। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में मप्र को लगातार चौथी बार नंबर वन बनाने के लिए मैदानी स्तर पर काम चल रहा है। हालांकि योजना में पिछले 3 साल से देश में लगातार अव्वल मप्र को इस साल उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र से चुनौती है। पिछले साल दूसरे स्थान पर हिमाचल प्रदेश और तीसरे नंबर पर आंध्रप्रदेश थे। इस वर्ष उप्र में अब तक सर्वाधिक 52 लाख से अधिक महिलाओं के पंजीयन हो चुके हैं जबकि मप्र में यह आंकड़ा 30 लाख 77 तक पहुंचा है। विभाग का तर्क है कि उप्र की आबादी अन्य राज्यों से सर्वाधिक है। महिला एवं बाल विकास विभाग के संचालक डॉ. आरआर भोसले का कहना है कि अभी तो वित्तीय वर्ष चल रहा है। हमारा फिर लक्ष्य है कि योजना के क्रियान्वयन में मप्र चौथी बार भी नम्बर एक रहेगा। इस साल के रैकिंग मार्च 23 के बाद होना है। शुरूआत में बजट की समस्या आई थी लेकिन अब नहीं है। गौरतलब है कि योजना में सभी गर्भवती महिलाएं और धात्री माताओं को प्रथम जीवित जन्मे बच्चे पर निर्धारित शर्तों की पूर्ति उपरांत प्रति हितग्राही 5 हजार रुपए तीन किस्तों में दिए जाते हैं। प्रथम किस्त के तौर पर 1,000 रुपए आंगनबाड़ी केंद्र पर गर्भावस्था का शीघ्र पंजीयन कराने पर, द्वितीय किस्त 2,000 रुपए कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच कराने एवं गर्भावस्था के 6 माह पूर्ण होने पर और तृतीय किस्त 2,000 रुपए बच्चे के जन्म का पंजीकरण एवं बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूर्ण होने पर डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके मिल सके। आधार लिंक्ड बैंक या पोस्ट ऑफिस खाते में प्रदान करने का प्रावधान है।
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