नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस समेत देश की सुरक्षा एजेंसियों के एम्स साइबर अटैक मामले में अभी तक हाथ खाली हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अब इंटरपोल की मदद से चीन से डाटा मांगा। दिल्ली पुलिस ने चीनी सरकार से साइबर अटैक करने वाले आईपी एड्रेस किसको दिए गए हैं और उनका इस्तेमाल कौन कर रहा है ऐसी जानकारी मांगी है। दिल्ली पुलिस के अनुरोध पर सीबीआई ने इंटरपोल को पत्र लिखा है। दूसरी तरफ साइबर अटैक मामले में हैकरों का दूसरा मेल चीन के हेनान प्रांत का है। यानि हैकर हेनान प्रांत में भी बैठे हुए हैं। इसके अलावा एम्स को कुछ डाटा का नुकसान हुआ है।
एम्स साइबर अटैक मामले की जांच कर रहे दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने सीबीआई के जरिए इंटरपोल को पत्र लिखा है। इस पत्र में चीन की इंटरनेट उपलब्ध कराने वाली कंपनी से डाटा मांगा है। दिल्ली पुलिस ने पूछा है कि हैकरों के दो मेल हैं, उनके आईपी एड्रेस किसको दिए हैं, आईपी एड्रेस लेने वाले इन मेल को कब से इस्तेमाल कर रहे हैं, क्या ये व्यक्ति को दिए गए हैं या फिर कंपनी को दिए गए हैं और इन मेल का क्या-क्या इस्तेमाल हो रहा है? आदि।
हैकरों ने दो मेल भेजकर साइबर अटैक को ठीक करने के बदले में पैसे मांगे हैं। एक मेल dogA2398@protom mail.com है और जिसका आईपी एड्रेस 146.196.54.222 है वह हांगकांग का है। दूसरा मेल mouse63209@protom mail.com जिसका आईपी एड्रेस 103.78.121. 131 है वह चीन के हेनान प्रांत का है। इस मेल का चीन हेनान प्रांत में इस्तेमाल हो रहा है।
डाटा का नुकसान हुआ है
स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि साइबर अटैक के बाद एम्स का डाटा बैकअप से मिला गया है। इसके बावजूद साइबर अटैक से कुछ डाटा का नुकसान हुआ है। कोशिश की जा रही है कि पूरी डाटा मिल जाए।
गुजरात यूनिवर्सिटी से नहीं मिली रिपोर्ट
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एम्स साइबर अटैक की इमेजिंग को जांच के लिए नौ लिफाफों में गुजरात स्थित नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी भेजा था। दिल्ली पुलिस अधिकािरयों ने पत्र लिखने के साथ-साथ कई बार फोन पर बात भी की है, मगर अभी तक रिपोर्ट नहीं दी गई है। यूनिवर्सिटी से यही कहा जा रहा है कि एक-दो दिन में दे देंगे। दिल्ली पुलिस मुंबई स्थित डाटा सेंटर भी गई थी। मगर पुलिस को वहां भी सफलता नहीं मिली।
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