वाशिंगटन (Washington)। तकनीक की दुनिया (Technology World ) में लगातार नए-नए अपडेट (Constant new updates) लोगों को अक्सर लुभाते हैं। यही वजह है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) यानी एआई ने काफी कम समय में कई क्षेत्रों में अपना प्रभाव दिखा दिया है। एक तरफ एआई जहां लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है। वहीं, अपराधियों के लिए ये एक नया हथियार बन चुका है।
टेक मार्केट में एआई वॉयस क्लोनिंग (AI Voice Cloning) का असर काफी तेजी से बढ़ रहा है। इस अपराध में अहम जानकारियों के जरिए लोगों को आर्थिक तौर पर ठगा जाता है। कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अपराधी एआई टूल की मदद से लोगों की आवाज की कॉपी कर लेते हैं। इसके बाद उस वॉयस को एआई टूल की मदद से बिल्कुल समान तरीके के साथ तैयार किया जाता है। अपराधी इस नकली आवाज को पीड़ित के दोस्तों, रिश्तेदारों और जान पहचान वालों के खिलाफ इस्तेमाल करते हैं। इस दौरान अपराधी उनसे पैसों के साथ ही किसी तरह की खास या फिर कोई गोपनीय जानकारी भी ले लेते हैं।
इस तरह से होती है ठगी
एआई टूल की मदद से तैयार की गई नकली आवाज की पहचान करना आसान काम तो नहीं है। हालांकि कुछ बातों को याद रखकर किसी भी तरह के नुकसान से बचा जा सकता है। अपराधी नकली आवाज के इस्तेमाल के जरिए सुरक्षित शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। साथ ही कॉल के दौरान पैसों और किसी खास तरह की जानकारी की मांग करते हैं।
वॉयस क्लोनिंग का शिकार होने से बचने के लिए आप उससे कोई पर्सनल सवाल पूछ सकते हैं। साथ ही पिछले अनुभव के आधार पर कोई जानकारी हासिल करने की कोशिश करें। ऐसा करके आप वॉयस क्लोनिंग का शिकार होने से बच सकते हैं। इसके अलावा कुछ भी गलत लगने पर आप वीडियो कॉल का सहारा ले सकते हैं।
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