नई दिल्ली: मेडिकल क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (artificial intelligence) रोज नए चमत्कार कर रहा है, अभी एक महीने पहले ही AI सर्जरी ने लांग आइसलैंड में एक लकवाग्रस्त व्यक्ति (paralyzed person) की जान बचाई थी. अब AI ने चार साल के बच्चे में ऐसी बीमारी का पता लगाया है, जिसे कई डॉक्टरों की टीम (team of doctors) भी नहीं ढूंढ पा रही थी. AI से मिले सुझाव पर डॉक्टरों ने गौर किया (doctors noticed) और बच्चे का इलाज शुरू किया तो कुछ ही दिन में परिणाम दिखने लगे.
ये मामला सामने आया है अमेरिका में, यहां रहने वाली कर्टनी अपने बच्चे एलेक्स की अजीब बीमारी से परेशान थीं, बच्चा ठीक तरह से बैठ नहीं पाता था. उसे दांत में इतना दर्द होता था कि वह जोर-जोर से चीखता था और हर चीज चबाने की कोशिश करता था. बच्चे का विकास भी लगातार प्रभावित हो रहा था. काफी लंबे समय से कर्टनी उसका इलाज करा रही थीं, लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही थी, लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ने बताया कि बच्चे को न्यूरॉलॉजिकल सिंड्रोम टेथर्ड कॉर्ड हो सकता है. अब लगातार बच्चे की हालात में सुधार हो रहा है.
कर्टनी अपने बच्चे को लेकर तकरीबन 17 डॉक्टरों के पास गईं, डॉक्टरों की टीम भी इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी कि आखिर बच्चे को दिक्कत क्या है? कर्टनी के मुताबिक बच्चे को दर्द से बचाने के लिए वह हर रोज उसे पेन किलर दे रही थीं, टुडे.कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक वह लगातार डॉक्टरों के पास जाती रहीं, लेकिन कोई सफलता नहीं मिल रही थी, डॉक्टर इसे कोविड का असर बता रहे थे. थक हारकर कर्टनी ने बीमारी के बारे में ऑनलाइन सर्चिंग शुरू की. इसी बीच उन्हें ख्याल आया कि क्यों इसके लिए ChatGPT की मदद ली जाए.
कर्टनी ने ChatGPT में एलेक्स की बीमारी के लक्षण दर्ज किए, एमआरआई की रिपोर्ट को साझा किया. एलेक्स में सबसे बड़ा लक्षण यही था कि उसके दाएं और बाएं शरीर में असंतुलन था, वह पालथी मारकर भी नहीं बैठ सकता था. ChatGPT ने लक्षणों को समझकर सुझाव दिया कि यह न्यूरॉलॉजिकल सिंड्रोम हो सकता है, जिसे टेथर्ड कॉर्ड कहते हैं. यह रीढ़ की हड्डी से जुड़ा होता है. इसके तुरंत बाद कर्टनी ने न्यूरोसर्जन से अपॉइंटमेंट लिया और मेडिकल हिस्ट्री और ChatGPT से मिले सुझाव के बारे में बताया. न्यूरो सर्जन ने इस दिशा में इलाज शुरू किया और अब एलेक्स पहले से बेहतर है.
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