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मौत की तारीख बताएगा AI Death Calculator, जानें कैसे करता है काम

October 26, 2024

नई दिल्ली: मौत आनी है ये सबको पता है, कब आएगी इसकी खबर किसी को नहीं… पढ़ने में लग रहा कितना सही लिखा है, किसको ही पता होगा कि कोई किस दिन मरेगा. लेकिन, अगर आप ये सोच रहे हैं तो आप गलत है हुजूर. आज के समय विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है, कि अब वो आपके मरने का सही समय भी बता पाने की क्षमता को विकसित करने में लगा है. लेसेंट डिजिटल हेल्थ में हाल ही में एक स्टडी पब्लिश हुई. इसमें बताया गया कि AI Death Calculator के जरिए आपकी मौत के सही समय का अंदाजा लगाया जा सकता है.

एआई डेथ कैलकुलेटर से अब आपकी हेल्थ का भविष्य और जीवन की संभावनाओं का अनुमान लगाया जा सकता है. हाल ही में प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल द लैंसेट डिजिटल हेल्थ में एक स्टडी में बताया गया कि इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG) भविष्य के स्वास्थ्य जोखिमों और मौत के समय का अनुमान लगाने में सहायक हो सकते हैं. इस स्टडी के अनुसार, एआई से संभावित हार्ट अटैक के बारे में भी जाना जा सकता है.

इसको और आसानी से समझें तो इस नई डिवाइस को एआई-ईसीजी रिस्क एस्टीमेटर (AIRE) कहा गया है. रिसर्चर्स के अनुसार ये एआई बता देगा कि आपको दिल का दौरा कब पड़ सकता है. दिल खून को पंप करना कब बंद कर देगा? खून न पंप होने से शरीर में कई तरह की दिक्कतें होने लगती हैं. इससे मौत कई बार मौत भी जाती है. मामलों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 10 में से 8 केस में लोगों की मौत हो जाती है. इस स्टडी से अब एआई इस टेक्नोलॉजी को और बेहतर करने पर काम कर रहा है.

AIRE की खास बात यह है कि इसकी भविष्यवाणी 78% तक सटीक है और यह हार्ट रिदम जैसी समस्याओं की भविष्यवाणी कर सकता है. इस स्टडी में बताया गया कि ECG टेस्ट के आधार पर यह डिवाइस मरीज के जीवन की संभावनाओं की भविष्यवाणी करने में कारगर साबित हुआ है. इस टेस्ट में दिल की गतिविधियों का मिनटों में रिकॉर्ड तैयार होता है और इसमें छिपी स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान होती है. यह टेकनिक अभी तक कुछ ही प्रमुख अस्पतालों में टेस्टिंग के लिए तैयार की जा रही है, जिसमें नेशनल हेल्थ सर्विस के दो अस्पताल शामिल हैं.

इस स्टडी के लिए, रिसर्चर्स ने 11.6 लाख ECG परिणामों का प्रयोग किया और करीब 1.89 लाख मरीजों के डेटा से AIRE को पर्याप्त ट्रेनिंग दी है. इसके नतीजे में AIRE ने तीन-चौथाई यानी 76% मामलों में हृदय की गंभीर समस्याओं की पहचान की. इसके अलावा, लगभग 70% मामलों में एथेरोस्क्लेरोटिक कार्डियोवैस्कुलर डिजीज की पहचान करने में भी सफल रही, जिसमें धमनियों के संकुचन से ब्लड फ्लो में रुकावट होती है. इस डिवाइस से डॉक्टर न केवल मरीजो का चेकअप करेंगे, बल्कि उनकी हेल्थ को लेकर सभी अपडेट को भी जान सकेंगे. इससे समय रहते सभी बीमारियों का इलाज भी किया जा सकता है.

इस नई तकनीक को 2024 में टेस्टिंग के लिए नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) के तहत लाया जाएगा. माना जा रहा है कि आने वाले पांच सालों में यह टेकनिक हेल्थ सेवाओं में बड़े पैमाने पर उपयोग में लाई जाएगी. इससे हर साल सैकड़ों मरीजों को अस्पताल में आने पर उनकी मौत के समय का अनुमान भी पता चल सकता है. इस डिवाइस से दिल से जुड़ी हुई समस्याओं की सही पहचान की जा सकेगी.

इस डिवाइस के बारे में यो तो जान लिया कि ये क्या काम करेगी कब तक दुनिया में आ सकती है. फिलहाल अब इसके काम करने के तरीके को समझने की कोशिश करेंगे. ये समझना बेहद आसान है. ये डिवाइस एक बार का ECG टेस्ट लेता है, जो दिल की गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है. इसमें दिल के कामकाज से जुड़ी छोटी-छोटी जानकारी को रिकॉर्ड किया जाता है, जो डॉक्टरों की नजर से चूक सकती है.

इसके बाद AI प्रणाली इसका विश्लेषण करती है और मरीज के भविष्य के स्वास्थ्य जोखिमों का अनुमान लगाती है. आसानी से समझने यूं समझिए कि अगर AIRE एक विशेष दिल की समस्या की संभावना बताता है, तो डॉक्टर और मरीज तुरंत इस पर काम कर सकते हैं और इस समस्या को रोकने के लिए तुरंत उपचार योजना अपना सकते हैं.

AIRE के जरिए डॉक्टर न केवल बीमारी को ठीक करेंगे बल्कि कई स्वास्थ्य जोखिमों का आकलन भी कर पाएंगे. इससे न केवल समय रहते बीमारी को ठीक करना संभव होगा बल्कि बीमारी की रोकथाम में भी काफी मदद मिलेगी. वर्तमान में एआई आधारित ECG का व्यापक रूप से प्रयोग नहीं हो पा रहा है, लेकिन इस डिवाइस के आ जाने से मरीजों के स्वास्थ्य को नए तरीके से सुरक्षित करने की दिशा में बड़ा कदम होगा.

AIRE का प्रभावशाली पहलू यह है कि यह व्यक्तिगत स्वास्थ्य सेवाओं के स्तर को ऊंचा करने में मददगार है. उदाहरण के लिए, अगर किसी मरीज को विशेष हृदय संबंधी समस्या होने का खतरा बताया जाता है, तो समय रहते इसे रोका जा सकता है. AIRE न केवल भविष्यवाणी करता है बल्कि स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याओं का भी सटीक अनुमान लगाता है, जो व्यक्तिगत स्वास्थ्य में सुधार लाने में काफी सहायक हो सकता है.

इस स्टडी के परिणामों ने चिकित्सकों और रिसर्चर्स को ये उम्मीद तो दिलाई है कि आने वाले समय में स्वास्थ्य सेवाओं में एआई की भूमिका और मजबूत होगी. AIRE जैसे उपकरण न केवल बीमारी को ठीक करेंगे बल्कि और बीमारियों की रोकथाम में भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. इस टेकनिक से लोगों के जीवन को और बेहतर किया जा सकेगा साथ ही स्वास्थ्य संबंधी कठिनाइयों को समय से पहले पहचान कर रोका जा सकेगा.

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