अहमदाबाद । अहमदाबाद शहर के नवरंगपुरा स्थित श्रेय अस्पताल और राजकोट के उदय शिवानंद कोविड अस्पताल में आग लगने के बाद नगर निगम ने खुद खुलासा किया है कि शहर के 286 निजी अस्पतालों के पास फायर की एनओसी नहीं हैं। अस्पतालों में अग्निकांडों के बाद गुजरात हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी अस्पतालों में फायर एनओसी के बारे में सख्त आदेश जारी किए हैं।
अहमदाबाद नगर निगम द्वारा आधिकारिक रूप से घोषित सूची में बताया गया है कि अहमदाबाद के सरकारी सोला सिविल अस्पताल और शहर के 286 निजी अस्पतालों के पास फायर एनओसी नहीं हैं। अहमदाबाद नगर निगम ने सूची जारी करते हुए कहा है कि इन अस्पतालों को तुरंत फायर एनओसी लेने के लिए निर्देश दिए हैं। आदेश में यह भी कहा गया है कि फायर एनओसी न लेने तक नए मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा सकता है। सात जोन में जिन 286 अस्पतालों के पास फायर एनओसी नहीं है, वहां आज भी मरीज़ भर्ती हैं।
बिना फायर एनओसी वाले अस्पतालों की सूची में एसजी हाइवे, थलतेज, सोला, घटलोडिया, चाणक्यपुरी और वस्त्रपुर क्षेत्रों में सबसे अधिक 100 अस्पताल हैं। इसी तरह पश्चिमी क्षेत्र के अधिकांश अस्पतालों में फायर एनओसी नहीं है। सूची में उल्लेखित अस्पतालों में से कुछ प्रसूति गृह और नर्सिंग होम हैं, जिनमें नवजात शिशुओं को रखा जाता है। सोला सिविल अस्पताल को कोविड अस्पताल के रूप में घोषित किया गया है। अभी तीन दिन पहले उपमुख्यमंत्री नितिन भाई पटेल खुद यहां धोलका के उस मरीज का अभिवादन करने आए थे, जिसने 113 से अधिक दिनों तक कोरोना के खिलाफ लड़ाई जीती थी।
सुप्रीम कोर्ट ने भी कोविड अस्पतालों को चार सप्ताह के भीतर फायर एनओसी लेने का आदेश दिया है।अग्निशमन विभाग के अनुसार जिनके पास फायर एनओसी नहीं है और अग्निशमन प्रणाली के बारे में अस्पताल के कर्मचारियों ने प्रशिक्षण नहीं लिया है, उन अस्पतालों में आग लगने और किसी भी तरह की जानमाल की हानि होने पर मालिकों या प्रबंधन को जिम्मेदार माना जाएगा।
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