भोपाल। अहमदाबाद बम ब्लास्ट केस (Ahmedabad Bomb Blast Case) में गुजरात की अदालत (Gujarat court) ने जिन 38 आतंकियों को फांसी की सजा (38 terrorists sentenced to death) सुनाई उनमें से मास्टरमाइंड सफदर नागौरी (mastermind safdar nagori) सहित छह आतंकी भोपाल सेंट्रल जेल में बंद हैं। यहां कैद एक अन्य सिमी आतंकी को मरते दम तक जेल में रहने की सजा सुनाई गई। इसी जेल में बंद तीन आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया।
बम ब्लास्ट मामले में सिमी के 6 आतंकी भोपाल सेंट्रल जेल में बंद हैं। ब्लास्ट का मास्टरमाइंड सफदर नागौरी भी इसी जेल में है। भोपाल सेंट्रल जेल के अधीक्षक दिनेश नरगावे ने बताया कि सेंट्रल जेल में 5 साल पहले नागौरी को शिफ्ट किया गया था।
नागौरी को भी फांसी की सज़ा
सफदर नागौरी के साथ जेल में बंद शिवली, शादुली, आमिल परवेज, कमरुद्दीन नागौरी, हाफिज को भी फांसी की सजा सुनायी गयी है, जबकि सातवें आतंकी अंसाब को मरते दम तक जेल में रहने की सजा मिली है। तीन कैदी डॉक्टर अहमद मिर्जा बेग, यासीन और कामरान को बरी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि सिमी के आतंकियों को हाई सिक्युरिटी सेल में रखा गया है। नागौरी जेल की सख्ती की वजह से दूसरी जेल में शिफ्ट करने के लिए कोर्ट में पिटीशन लगा चुका है। अभी भोपाल की जेल में SIMI के 24 आतंकी बंद हैं।
उज्जैन का रहने वाला है नागौरी…
सफदर नागौरी प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का राष्ट्रीय महासचिव था. वो उज्जैन के महिदपुर गांव का रहने वाला है. उसके पिता क्राइम ब्रांच में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर थे. 2001 में SIMI पर प्रतिबंध लगने के बाद नागौरी अंडरग्राउंड हो गया था। उज्जैन के महाकाल पुलिस थाने में नागौरी के खिलाफ 1997 में पहला मुकदमा दर्ज हुआ था. उसे 11 दिसंबर 2000 को भगोड़ा घोषित किया गया था. देशभर में नागौरी के खिलाफ 100 से ज्यादा अलग-अलग आपराधिक मामले दर्ज हैं. साल 2008 में अहमदाबाद में सिलसिलेवार बम धमाकों का वह मास्टरमाइंड था. 26 जुलाई 2008 को हुए इन धमाकों में 57 लोगों की मौत हो गयी थी. सफदर नागौरी को पुलिस ने 26 मार्च 2008 को इंदौर के संयोगितागंज में एक फ्लैट से गिरफ्तार किया था।
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