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    30 साल के लिए 1 रुपए लीज पर मिली 3 एकड़ जमीन पर बनेगा अहिल्या स्मारक

  • July 03, 2023

    ट्रस्ट ने कब्जा लेने के बाद अब कंसल्टेंट फर्म की तलाश की शुरू, 6 साल पहले शासन ने 40 करोड़ की राशि देने की की थी घोषणा

    इंदौर। राज्य शासन ने लालबाग के पास पुराने आरटीओ भवन, जिसे रामपुर कोठी भी कहते हैं के साथ 3 एकड़ जमीन देवी अहिल्या स्मारक ट्रस्ट को दी है। 30 साल के लिए मात्र 1 रुपए की लीज पर दी गई इस जमीन का कब्जा भी ट्रस्ट ने हासिल कर लिया है और अब बेहतर कंसल्टेंट की तलाश की जा रही है, जो इसका पूरा प्रोजेक्ट तैयार करेगा। स्मारक पर खर्च होने वाली राशि का अनुमान भी अभी नहीं लगाया जा सका है। अलबत्ता 6 साल पहले मुख्यमंत्री ने ही अहिल्या स्मारक के लिए 40 करोड़ रुपए की राशि देने की घोषणा अवश्य की थी। अब नई योजना के साथ ट्रस्ट शासन से पर्याप्त धन राशि की मांग करेगा।

    कल भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (CM shivraj) ने अखिल भारतीय पाल महासभा के समागम अवसर पर माँ अहिल्या से जुड़ी कई घोषणाएं भी की। माँ अहिल्या बोर्ड बनाने, इंदौर में स्मारक, तो महेश्वर में माँ अहिल्यादेवी लोक निर्माण के साथ अहिल्या जयंती पर ऐच्छिक अवकाश की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इंदौर में अहिल्या देवी स्मारक का निर्माण होगा और इसके लिए 3 एकड़ भूमि ट्रस्ट को दे भी दी है। वहीं जो कल्याण बोर्ड बनेगा उसमें पाल, धनगर, गडरिया और समाज की भारुल, श्रीपाल, गडेरी उपशाखाएं भी शामिल होंगी और बोर्ड अध्यक्ष को मंत्री का दर्जा भी दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन की पहल पर ही मुख्यमंत्री ने ट्रस्ट को यह जमीन उपलब्ध करवाई है। 1 रुपए की लीज पर 30 साल के लिए मिली इस जमीन का नामांतरण भी ट्रस्ट ने करवा लिया और लीज राशि भी भरकर उसका कब्जा ले लिया है। इस ट्रस्ट में ताई के अलावा संभागायुक्त, कलेक्टर, सांसद और सुधीर देगड़े भी शामिल है। श्री देगड़े ने बताया कि स्मारक की प्लानिंग शुरू कर दी है और उपयुक्त कंसल्टेंट की मदद ली जा रही है। इसमें खर्च होने वाली राशि तैयार होने वाले प्रोजेक्ट के हिसाब से शासन से मांगी जाएगी, क्योंकि 6 साल पहले मुख्यमंत्री ने 40 करोड़ स्मारक के लिए देने की घोषणा की थी। हालांकि अब यह राशि इससे अधिक रहेगी।


    राजवाड़ा पर अहिल्या लोक का प्रस्ताव अभी विचाराधीन ही – महापौर
    नगर निगम ने अपने बजट में राजवाड़ा क्षेत्र में महाकाल लोक की तर्ज पर अहिल्या लोक स्थापना की घोषणा की थी, जिसके चलते राजवाड़ा के सामने के उद्यान को आगे तक बढ़ाने और बीच की सडक़ को बंद करने और पीछे की सडक़ को चौड़ी करने का भी विचार है, लेकिन सडक़ बंद करने को लेकर व्यापारियों ने पहले की तरह विरोध शुरू किया। इस संबंध में जब महापौर पुष्यमित्र भार्गव से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी योजना को अमल में लाने का अंतिम निर्णय नहीं हुआ है और विचाराधीन है। उद्यान सहित आसपास के क्षेत्र को विकसित भी किया जाना है। दूसरी तरफ कुछ लोगों का कहना है कि जब अहिल्या स्मारक 3 एकड़ जमीन पर बन रहा है तो राजवाड़ा जैसे व्यस्त और घने इलाके में अहिल्या लोक का अलग से निर्माण करने का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि 20 साल पहले नगर निगम सडक़ बंद करने का खामियाजा भुगत चुका है और कुछ वर्ष बाद बंद की सडक़ फिर खोलना पड़ी थी।

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