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    अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला: कमलनाथ के बेटे और भतीजे से रिश्वत के ऐसे जुड़े तार

  • November 19, 2020

    • मुख्य आरोपी के बयानों के बाद उजागर हुए नाम

    भोपाल/नई दिल्ली। अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी चॉपर डील केस में मुख्य आरोपी चार्टर्ड अकाउंट राजीव सक्सेना ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को उन संस्थाओं और निवेश के बारे में बताया है, जिनके जरिए कथित रूप से रिश्वत की राशि को इधर-उधर किया गया। सक्सेना ने ईडी को बताया कि इस मामले में डिफेंस डीलर सुषेण मोहन गुप्ता और मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भतीजे रतुल पुरी शामिल थे। साथ ही रिश्वत के पैसे से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे बकुलनाथ का बैंक का कर्ज चुकाने का मामला भी उजागर हुआ है। अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार ईडी के पास दर्ज 1000 से अधिक पन्नों के बयान में राजीव सक्सेना ने बताया है कि इस मामले में उनकी भूमिका सुषेण मोहन गुप्ता, रतुल पुरी और गौतम खेतान जैसे लोगों के लिए संरचनाओं के निर्माण और प्रबंधन तक सीमित थी।

    ग्लोबल सर्विसेज से धन मिला
    मॉरीशस से ईडी को मिले दस्तावेजों को लेकर सक्सेना ने दावा किया कि यह चतुर फर्जीवाड़ा था। सक्सेना ने स्वीकार किया कि वह खुद इन निवेशों में साझेदार था, जिनके जरिए कथित तौर पर दी गई रिश्वत की धनराशि बांटी गई। सुषेण मोहन गुप्ता के मामले में सक्सेना ने ईडी को बताया कि उन्होंने दो कंपनियों, डीएम पावर और डीएम साउथ इंडिया हॉस्पिटैलिटी में निवेश किया है। सक्सेना ने ईडी को बताया कि मेट्रिक्स ग्रुप लिमिटेड (सक्सेना की कंपनी) द्वारा भारत में ऑप्टिमा इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड में अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडी रिगल पावर लिमिटेड के माध्यम से किए गए निवेश के संबंध में मैं पुष्टि कर सकता हूं कि इंटरस्टेलर लिमिटेड और ग्लोबल सर्विसेज (एफजेडीसी) से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से धन मिला। बकौल ईडी सक्सेना ने बताया कि इस निवेश में एक हिस्से का इंतजाम रतुल पुरी ने किया, लेकिन इसकी उन्हें जानकारी नहीं थी।

    कुल निवेश के लिए 50 मिलियन डॉलर का अनुमान
    सक्सेना ने पुरी की कंपनी ऑप्टिमा इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड में इन्वेस्टमेंट स्ट्रक्चर की बात स्वीकार की। यह कंपनी हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट में निवेश कर रही थी। सक्सेना ने कहा कि रतुल पुरी ने मॉरीशस में एक स्पेशल परपज व्हीकल सेटअप करने का प्रस्ताव दिया। जिसके बाद रिगेल पॉवर लिमिटेड नाम की एक कंपनी इस्टैबलिश हुई जो उसकी कंपनी ऑप्टिमा इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करने के लिए हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में निवेश करने का रास्ता था। पुरी ने बताया कि कुल निवेश के लिए 50 मिलियन डॉलर का अनुमान लगाया गया था, जिसमें से हमें 5 मिलियन डॉलर में रखा गया था। पुरी ने कहा था कि वे 50 मिलियन डॉलर से प्राइवेट इक्विटी इन्वेस्टमेंट पर जोर देंगे। इसके लिए वह प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ चर्चा कर रहे थे। दो से छह साल के समय के भीतर मोजर पावर और मिडास मेटल्स के बीच व्यापार सौदों का कुल मूल्य 240 मिलियन डॉलर के आसपास होगा।

    कमलनाथ के बेटे करते थे प्रबंधन
    ईडी के अधिकारियों के सवालों के जवाब में कि क्या मोजर पावर या ऑप्टिमा इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के साथ उनके व्यवसाय के लिए कोई बड़ी छूट प्राप्त हुई थी, सक्सेना ने कहा कि समय-समय पर उन्हें प्रिस्टिन रिवर नाम की ऑफशोर कंपनी से पैसा मिला। सक्सेना ने दावा किया कि इसका प्रबंधन कमलनाथ के बेटे बकुल नाथ करते थे। ईडी को दिए गए रतुल पुरी के 62 पेज के खातों में 2014 में कुल 20 मिलियन डॉलर की पेमेंट हुई। ये पेमेंट्स नितिन भटनागर नाम पर प्रिस्टिन रिवर में ट्रांसफर किए गए। 2020 की शुरुआत में ईडी ने भटनागर से भी पूछताछ की थी. राजीव ने बताया कि रतुल पुरी ने उनसे मुलाकात कराई थी। सक्सेना के अनुसार, उस समय भटनागर दुबई में बैंक जे सफा सरसीन के प्रबंध निदेशक थे लेकिन बाद में अपनी खुद की रियल एस्टेट कंपनी इस्टैबलिश की। इससे पहले नितिन भटनागर बैंक ऑफ सिंगापुर के साथ प्रिस्टिन रिवर इनवेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिलेशनशिप मैनेजर थे।

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