केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने एक बार फिर नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) पर सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि सरकार की कोशिश थी कि किसान मंडी की जंजीरों से मुक्त हो और मंडी परीधी के बाहर, जो खरीद-बिक्री हो उस पर कोई टैक्स नहीं होगा. कृषि मंत्री ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बात कही. साथी ही उन्होंने कहा, “यूनियन से आग्रह करता हूं कि जल्दी से बातचीत की तारीख तय करें और सरकार पूर्ण रूप से चर्चा के लिए तैयार है.”
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम लोगों को लगता था कि कानूनी प्लेटफॉर्म का फायदा लोग अच्छे से उठाएंगे. किसान महंगी फसलों की ओर आकर्षित होगा. नई तकनीक से जुड़ेगा. बुआई के समय ही उसको मूल्य की गारंटी मिल जाएगी. उन्होंने कहा, “किसानों की पहली मांग कानून निरस्त करने की थी. सरकार का पक्ष है कि कानून के वो प्रावधान, जिन पर किसानों को आपत्ति है, उन प्रावधानों पर सरकार खुले मन से बातचीत करने के लिए तैयार है. सरकार की कोई ईगो नहीं है और सरकार को उनके साथ बैठकर चर्चा करने में कोई दिक्कत नहीं है.”
कृषि मंत्री ने कहा, “बातचीत में ये बात आती थी कि ये कानून वैध नहीं है, क्योंकि कुछ लोगों ने बता रखा था कि कृषि राज्य का विषय है और केंद्र सरकार इस पर कानून नहीं बना सकती.” उन्होंने कहा कि कीमत आश्वासन की दृष्टि से कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग नई नहीं थी. किसान और किसान की भूमि को पूरी तरह से सुरक्षा दी गई है. तोमर ने कहा, “इन कानून पर संसद में 4-4 घंटे की चर्चा करने के बाद इन्हें लाया गया था. जब मेरी जवाब देने की बारी आई, तो प्रतिपक्ष के लोगों ने एक बहुत अभद्र काम किया और वो संसद में काला दिन था.
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