नईदिल्ली । केंद्रीय कृषि मंत्री (Agriculture Minister) नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि कृषि सुधार कानून (Agriculture laws) आजादी के सत्तर सालों के बाद बड़ा सुधार था (Was a Big Improvement), लेकिन इन कानूनों के निरस्त होने के बाद भी सरकार निराश नहीं है। ”हम एक कदम पीछे हटे हैं (Have taken a step back), लेकिन आगे फिर बढ़ेंगे (Will move forward) ।”
नरेंद्र सिंह तोमर कृषि उद्योग प्रदर्शनी ‘एग्रोविजन’ के उद्घाटन के मौके पर संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, ”किसान देश की रीढ़ है, अगर रीढ़ मजबूत होगी तो निश्चित रूप से देश मजबूत होगा।” उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में बड़े निवेश की जरूरत है। देश में कृषि क्षेत्र में निजी निवेश का आज भी बहुत अभाव है। कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि सरकार कृषि कानून लेकर आई थी कि, लेकिन कुछ लोगों को यह रास नहीं आया।
इसके पहले, तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि कृषि सुधार कानून को भारत सरकार किसानों की भलाई के लिए लाई थी। उन्होंने कहा था कि सरकार ने पूरी संवेदनशीलता के साथ आंदोलनरत किसान संगठनों से इन कानूनों को लेकर चर्चा की थी लेकिन हमें इस बात का दुख है कि कृषि सुधार कानून के लाभ समझाने में हम सफल नहीं हुए।
बता दें कि 19 नवंबर को राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों (अब निरस्त किए जा चुके) को वापस लेने का ऐलान किया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि उनको इस बात का अफसोस है कि वे कुछ किसानों को इस कानून के फायदे नहीं समझा सके, वहीं इन कानूनों के निरस्त किए जाने के बाद किसानों ने एक साल से अधिक समय तक चला आंदोलन स्थगित करने का फैसला लिया था।
कृषि मंत्री ने कहा कि निजी निवेश अन्य क्षेत्रों में आया जिससे रोजगार के अवसर पैदा हुए और सकल घरेलू उत्पाद में इन उद्योगों का योगदान बढ़ा। उन्होंने दावा किया कि इस क्षेत्र में मौजूदा निवेश से व्यापारियों को फायदा होता है न कि किसानों को। कृषि मंत्री के अलावा इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे।
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