नई दिल्ली। लोकसभा से पास हो चुके तीनों कृषि विधेयक आज कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में पेश किए। इस दौरान सदन में खूब हंगामा हुआ। किसानों के मुद्दों को लेकर कांग्रेस के साथ पूरा विपक्ष एकजुट दिखा। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर किसानों की अनदेखी और कॉरपोरेट जगत को मदद पहुंचाने जैसे कई आरोप लगाए। इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने इन विधेयकों की कांग्रेस के घोषणापत्र से तुलना करने पर जवाब दिया।
अहमद पटेल ने राज्यसभा में कहा, ‘‘वैसे तो पढ़ने लिखने में थोड़ा कम ही ये लोग (बीजेपी) जानते हैं, लेकिन पहली बार घोषणापत्र में दिन और रात एक करके उसमें से कुछ चीज निकाली और अपने अध्यादेश से तुलना की कोशिश की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा घोषणापत्र घोड़ा है, लेकिन गधे के साथ इन्होंने तुलना करने की कोशिश की जा रही है।’’
MSP को कानूनी जिम्मेदारी देने से क्यों भाग रही है सरकार- कांग्रेस
वहीं, कांग्रेस ने मोदी सरकार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी जिम्मेदारी देने से दूर भागने का आरोप लगाया। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार व्हिप के जरिए राज्यसभा से ‘तीन काले विधेयक’ पारित करवाएगी। सुरजेवाला ने कहा, ‘‘लेकिन इस सवाल का जवाब नहीं है कि कैसे 15.5 करोड़ किसान एमएसपी हासिल करेंगे? मंडी के बाद एमएसपी की जिम्मेदारी कौन लेगा?’’ उन्होंने कहा, ‘‘सरकार एमएसपी को कानूनी जिम्मेदारी देने से क्यों भाग रही है। मंडी के बाहर एमएसपी की जिम्मेदारी कौन लेगा।’’
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों से कृषि फसल की एमएसपी आधारित खरीद जारी रहेगी और इसका इन विधेयकों से कोई संबंध नहीं है जिनमें कृषकों को अपनी उपज बेचने की आजादी देने की कोशिश की गयी है। बता दें कि इन विधेयकों का किसान संगठन और सत्तारूढ़ गठबंधन के अंदर से भी कड़ा विरोध किया जा रहा है।
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