नई दिल्ली। कृषि सुधार विधेयक को राज्यसभा से पास कराना केंद्र सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। इस विधेयक को लेकर एनडीए गठबंधन की सबसे पुरानी सहयोगी अकाली दल के विरोध की वजह से सरकार के लिए सदन के अंदर और बाहर भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। कल यानी रविवार को ये बिल राज्यसभा में आएगा और सरकार की कोशिश होगी कि इस विधेयक को हर हाल में पास करवा लिया जाए।
कृषि से जुड़े तीनों विधेयक को राज्यसभा से पास कराने के लिए सरकार ने मोर्चा बंदी शुरू कर दी है। बीजेपी ने अपने सांसदों के लिए व्हिप भी जारी कर दिया है। इसके साथ विपक्षी पार्टीयों को भी इस विधेयक के समर्थन में लाने के लिए केंद्र के बड़े मंत्री बातचीत में लग गए हैं। सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शिवसेना और एनसीपी के नेताओ से फोन पर बात की और इन विधेयक के पक्ष में आने की अपील की।
संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है। ऐसे में महत्वपूर्ण विधेयक को पास कराने के लिए सरकार को विपक्ष पर आश्रित होना पड़ता है। हालांकि इस विधेयक को लेकर सरकार आश्वस्त है कि इन तीनो बिलों को आसानी से पास करा ले जाएगी, हालांकि सरकार के सामने बड़ी चुनौती है।
इस विधेयक के समर्थन में खड़ी पार्टियां
राजसभा के अंकगणित पर ध्यान दें तो 245 सदस्यों की राज्यसभा में बीजेपी 86 सांसदों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। हालांकि मौजूदा समय में 9 स्थान रिक्त हैं। ऐसे में राज्यसभा में इन तीनों बिलों को पास करवाने के लिए सरकार को कम से कम 122 वोट की जरूरत पड़ेगी। अकाली दल के विरोध के वाबजूद सरकार को भरोसा है कि बीजू जनता दल के 9, एआईएडीएमके के 9, टीआरएस के 7 और वाईएसआर कांग्रेस के 6, टीडीपी के 1 और कुछ इंडिपेंडेंट सांसद भी इस विधेयक का समर्थन कर सकते हैं। ये वे पार्टियां है जो ना तो एनडीए के साथ है और ना यूपीए के साथ। सरकार को भरोसा है कि इस विधेयक के समर्थन में कम से कम 130 से ज्यादा वोट पड़ेंगे।
विधेयक के विरोध में इन पार्टियों पर रहेगी नजर
राज्यसभा में अभी 86 सांसदों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी जबकि 40 सदस्यों के साथ कांग्रेस दूसरी बड़ी पार्टी है। शिरोमणि अकाली दल के तीन राज्यसभा सांसद निश्चित रूप से बिल के विरोध में वोट करेंगे। आम आदमी पार्टी के तीन सदस्य, समाजवादी पार्टी के आठ सांसद, बीएसपी के चार सांसद भी बिल के विरोध में वोट करेंगे। बिल का विरोध कर रहे दलों का आकलन करने पर राज्यसभा में 100 सांसदों के कृषि विधेयकों के विरोध में वोट करने का अनुमान है। हालांकि, कुछ छोटे दलों ने अपना स्टैंड साफ नहीं किया है। इन पार्टियों के राज्यसभा में करीब दर्जनभर सांसद हैं।
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