नई दिल्ली । संसद (Parliament) के दोनों सदनों में (In both houses) कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 (Agricultural Laws Repeal Bill 2021) को बिना चर्चा के ही पारित कर दिया गया (Passed) । बता दें कि तीनों विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए लाया गया एक विधेयक कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में पेश किया। उधर कृषि कानूनों के दोनों सदनों से रद्द होने के बाद राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन को लेकर कहा है कि आंदोलन जारी रहेगा।
लोकसभा में कृषि कानून वापसी बिल पास : लोकसभा ने विपक्ष के हंगामे के बीच तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को बिना चर्चा के ही मंजूरी दी। इसके साथ ही कृषि कानून वापसी बिल संसद के निचले सदन लोकसभा से पास हो चुका है, वहीं लोकसभा को कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित किया गया।
राज्यसभा से भी पास हुआ कृषि कानून वापसी बिल : लोकसभा के बाद कृषि कानून निरसन विधेयक, 2021 राज्यसभा से भी पारित हो गया है। इस मंजूरी के साथ ही राज्यसभा की बैठक दोपहर दो बज कर दस मिनट पर आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई।
हम चाहते थे कि सदन में चर्चा हो-कांग्रेस : कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कृषि बिल वापसी पर कहा कि, आज कृषि क़ानून निरसन विधेयक बिना चर्चा के लोकसभा में पास किया गया है। हम उसे सपोर्ट करते हैं लेकिन हम चाहते थे कि बिल वापसी पर चर्चा हो कि आखिर इसे वापस लेने में क्यों इतनी देर हुई और दूसरे मुद्दे भी हैं जिन पर चर्चा हो, लेकिन उन्होंने(सत्ता पक्ष ने) टालने की कोशिश की।
शोर शराबे में मिली बिल को मंजूरी : कांग्रेस की तरफ से उठाए गए सवाल पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं है और इस हालात में चर्चा कैसे करायी जा सकती है। आप (विपक्षी सदस्य) व्यवस्था बनाये तब चर्चा करायी जा सकती है। इसके बाद सदन ने शोर शराबे में भी ही बिना चर्चा के कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को मंजूरी दे दी।
“सरकार चर्चा क्यों नहीं करना चाहती?:” बिल वापसी को लेकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज सदन में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। इस विधेयक को चर्चा एवं पारित होने के लिये रखे जाने की बात कही गई, लेकिन इस पर सरकार चर्चा क्यों नहीं करना चाहती है। इस बीच कई अन्य विपक्षी सदस्यों को भी कुछ कहते देखा गया लेकिन शोर शराबे में उनकी बात नहीं सुनी जा सकी।
राकेश टिकैत ने कहा : कृषि कानूनों की वापसी पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, “जिन 700 किसानों की मृत्यु हुई उनको ही इस बिल के वापस होने का श्रेय जाता है। MSP भी एक बीमारी है। सरकार व्यापारियों को फसलों की लूट की छूट देना चाहती है। आंदोलन जारी रहेगा।”
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