लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की सुप्रीमो मायावती ने संसद में पारित हुए कृषि विधेयकों को लेकर फिर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में पहले किसानों को विश्वास में लेकर बाद में निर्णय लेना चाहिए था। इससे पहले भी भी इन विधेयकों को लेकर अपनी असहमती जता चुकीं हैं।
मायावती ने गुरुवार को ट्वीट किया कि जैसा कि विदित है कि बसपा ने उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार के दौरान कृषि से जुड़े अनेक मामलों में किसानों की कई पंचायतें बुलाकर उनसे समुचित विचार-विमर्श करने के बाद ही उनके हितों में फैसले लिए थे। यदि केन्द्र सरकार भी किसानों को विश्वास में लेकर ही निर्णय लेती तो यह बेहतर होता।
मायावती इन विधेयकों को लेकर सदन में तनानती को भी गलत ठहरा चुकी हैं। उन्होंने बुधवार को काह कि वैसे तो संसद लोकतंत्र का मन्दिर ही कहलाता है फिर भी इसकी मर्यादा अनेकों बार तार-तार हुई है। वर्तमान संसद सत्र के दौरान भी सदन में सरकार की कार्यशैली व विपक्ष का जो व्यवहार देखने को मिला है वह संसद की मर्यादा, संविधान की गरिमा व लोकतंत्र को शर्मसार करने वाला है।
इससे पहले बसपा अध्यक्ष ने कहा था कि संसद में किसानों से जुड़े दो बिल, उनकी सभी शंकाओं को दूर किए बिना ही, कल पास कर दिए गए हैं। उससे बसपा कतई भी सहमत नहीं है। पूरे देश का किसान क्या चाहता है? इस ओर केन्द्र सरकार जरूर ध्यान दे तो यह बेहतर होगा। (एजेंसी, हि.स.)
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