नई दिल्ली (New Delhi) । इंडिया गठबंधन (india alliance) में हाल के दिनों में हुए बिखराव के बाद आखिरकार एक राहत की खबर सामने आई है। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (Congress and Samajwadi Party) के बीच सीट शेयरिंग (seat sharing) पर सहमति बन चुकी है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Congress General Secretary Priyanka Gandhi) ने दोनों पार्टियों के बीच सुलह कराने और सीट शेयरिंग को को अंतिम रूप देने के लिए बुधवार सुबह समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से बात की। समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में देश की सबसे पुरानी पार्टी को 17 लोकसभा सीटें देने पर सहमत हो गई है।
इस सियासी घटनाक्रम से वाकिफ लोगों ने बताया कि प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव दोनों ने फोन पर सीटों के बंटवारे पर लंबी चर्चा की और एआईसीसी महासचिव ने सपा प्रमुख को 17 सीटें छोड़ने के लिए राजी किया। इन सीटों पर कांग्रेस अपना उम्मीदवार उतारेगी।
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक कांग्रेस नेता ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया, “हां, शुरुआत में सपा ने उन सीटों की पेशकश की जहां कांग्रेस का मजबूत आधार नहीं था। प्रियंका गांधी वाड्रा ने सपा प्रमुख को जालौन और बागपत लोकसभा सीटों के बदले में अमरोहा और बाराबंकी छोड़ने के लिए राजी किया। कांग्रेस ने इस बात पर जोर दिया है कि यह चुनाव लड़ने के लिए अधिक सीटों के बारे में नहीं है, बल्कि सीटों की जीत की क्षमता के बारे में है।”
समाजवादी पार्टी द्वारा कांग्रेस को 17 सीटें देने के लिए राजी होने के बाद चीजें बदलनी शुरू हुईं। सीट शेयरिंग समिति के सदस्यों सहित वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने एक संभावित समाधान खोजने के लिए मुख्य महासचिव राम गोपाल यादव और एमएलसी उदयवीर सिंह सहित के जरिए समाजवादी पार्टी से संपर्क किया। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (यूपीसीसी) के पूर्व अध्यक्ष सलमान खुर्शीद ने कहा, “हमने समिति की सिफारिशें पार्टी नेतृत्व को प्रस्तुत कीं और सभी बारीक बिंदुओं पर उच्चतम स्तर पर गहन चर्चा की गई।”
पत्रकारों से बात करते हुए एआईसीसी महासचिव अविनाश पांडे ने गठबंधन को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “भाजपा को हराने के लिए सभी ताकतों को एक साथ लाने के लिए समर्पण और संकल्प के साथ काम करने के लिए हम राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के आभारी हैं।”
कांग्रेस भी लखीमपुर खीरी और श्रावस्ती सीटों पर अपना दावा कर रही है। दोनों दलों के नेता जल्द ही इस मुद्दे पर फैसला कर सकते हैं। पांडे ने कहा, “इस पर फैसला सीटों के बंटवारे के संबंध में नहीं बल्कि लोकसभा चुनाव में गठबंधन के हित में लिया जाएगा।”
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव शुरू में रायबरेली या अमेठी में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने पर विचार कर रहे थे, लेकिन सीट-बंटवारे की बातचीत में प्रगति की कमी के कारण उन्होंने ऐसा करने से परहेज किया। हालांकि अब उम्मीद है कि अखिलेश यादव आगरा में यात्रा में शामिल होंगे।
गौरतलब है कि 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में भी सपा और कांग्रेस दोनों ने गठबंधन किया था। उन्होंने संयुक्त रूप से ‘यूपी को ये साथ पसंद है’ नारे के साथ प्रचार किया। हालांकि नतीजे गठबंधन के पक्ष में नहीं रहा। कांग्रेस को केवल सात विधान सभा सीटें मिलीं, जबकि समाजवादी पार्टी ने 47 सीटें जीतीं।
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