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सीरिया की सरकार और विद्रोही गुटों में समझौता, मंत्रालय में होंगे शामिल

December 25, 2024

दमिश्क. सीरिया (Syria) के सबसे बड़े नेता अहमद अल-शारा (Ahmad al-Shara) ने मंगलवार को पूर्व विद्रोही गुट (rebel groups) प्रमुखों के साथ सभी समूहों को भंग करने और उन्हें रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) के साथ मिलाने पर एक समझौता किया. एजेंसी के मुताबिक, यह बयान सीरिया के प्रशासन ने जारी किया है. प्रधानमंत्री (PM) मोहम्मद अल-बशीर (Mohammed al-Bashir) ने पिछले हफ्ते कहा था कि पूर्व विद्रोही गुटों और बशर अल-असद की सेना से अलग हुए अधिकारियों को साथ लेते हुए मंत्रालय का पुनर्गठन किया जाएगा.

अहमद अल-शारा को कई समूहों के बीच टकराव से बचने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा. देश के नए शासकों ने बशर अल-असद को सत्ता से बेदखल करने की बगावत में अग्रणी भूमिका निभाने वाले मुरहाफ अबू कसरा को अंतरिम सरकार में रक्षा मंत्री नियुक्त किया है.


सीरिया के धार्मिक अल्पसंख्यकों में मुस्लिम कुर्द और शिया शामिल हैं, जिन्हें गृहयुद्ध के वक्त डर था कि भविष्य में कोई भी सुन्नी इस्लामवादी शासन उनकी लाइफ स्टाइल को खतरे में डाल देगा. इसके साथ ही सीरिया के ग्रीक और अर्मेनियाई रूढ़िवादी ईसाई और ड्रूज़ समुदाय भी शामिल हैं.

अहमद अल-शारा ने उनसे मिलने आए पश्चिमी अधिकारियों से कहा कि इस्लामवादी हयात तहरीर अल-शाम (HTS) ग्रुप, न तो पूर्ववर्ती शासन से बदला लेगा और न ही किसी धार्मिक अल्पसंख्यकों को दबाने का काम करेगा.

13 साल से चल रहा था सिविल वॉर
सीरिया के बागियों ने 8 दिसंबर को दमिश्क पर कब्जा कर लिया, जिससे 13 साल से अधिक वक्त के गृहयुद्ध के बाद असद को भागने पर मजबूर होना पड़ा और उनके परिवार के दशकों पुराने शासन का खात्मा हो गया.

13 साल का संघर्ष खत्म, लेकिन चुनौतियां बड़ीं
सीरिया में विद्रोहियों का 13 साल का संघर्ष रंग लाया और बशर अल-असद की तानाशाह सत्ता का खात्मा हो गया. पिछले करीब पांच दशक से एक ही परिवार का सत्ता पर दबदबा था. भले ही बशर अल-असद के 24 साल के शासन और देश में 13 साल से चल रहे गृह युद्ध का अंत हो गया है. लेकिन अब देश को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि आगे क्या होगा. देश में चुनौतियां बहुत हैं. इनमें से सबसे बड़ी देश की इकोनॉमी की खस्ता हालत है, क्योंकि सीरिया की GDP गृहयुद्ध में तहस-नहस हो गई है.

कैसे घटती चली गई सीरिया की जीडीपी
सीरिया की खस्ता हालत का अंदाजा देश की जीडीपी के आंकड़े में आई गिरावट को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है. दरअसल, जब देश में साल 2011 में गृह युद्ध की शुरुआत हुई थी, तो उस वक्त सीरिया की GDP 6,753.94 करोड़ डॉलर थी. वहीं, गृहयुद्ध खत्म होते-होते ये गिरकर महज 898.01 करोड़ डॉलर रह गई है. इन 13 सालों के बीच देश की जीडीपी में 5,855.93 करोड़ डॉलर की गिरावट आई है.

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