आगरा । आगरा (Agra) में कोरोना वायरस (corona virus) की पहली और दूसरी लहर (second wave) में ऐसे पांच मामले मिले, जो तीन बार कोरोना से संक्रमित हुए। इनमें से तीन की जांच कराने पर एंटीबॉडीज (Antibodies) ही नहीं बनीं हैं, दो लोगों ने अभी नमूने नहीं दिए हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज (SN Medical College) की स्टडी में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।
एसएन कॉलेज के ब्लड ट्रांसफ्यूजन विभागाध्यक्ष डॉ. नीतू चौहान ने बताया कि इन पांचों मामलों में चार की उम्र 25 से 35 साल है और शारीरिक रूप से स्वस्थ भी हैं। इनमें से दो को वैक्सीन का पहला डोज भी लग चुका है। इनमें से तीन की हालत सामान्य ही रही। एक को ऑक्सीजन की दरकार पड़ी तो एक को तेज बुखार-खांसी के साथ शरीर में भारी कमजोरी मिली।
1209 की कराई गई जांच
एसएन मेडिकल कॉलेज में संक्रमित और टीकाकरण कराने वाले 1209 लोगों में एंटीबॉडीज की जांच कराई गई। इसमें संक्रमित और टीका लगवाने वाले 704 में 25 हजार यूनिट/एमएल (100 बार डायल्यूट के बाद) एंटीबॉडीज मिलीं।
संक्रमित हुए 310 लोगों की जांच में 700 से 800 यूनिट/एमएल एंटीबॉडीज पाई गईं। केवल टीकाकरण कराने वाले 195 लोगों में एंटीबॉडीज कम मिलीं, इनमें 50 से दो हजार यूनिट/एमएल ही रही। बाकी 2050 ऐसे लोग रहे, जिन्होंने टीकाकरण नहीं करवाया और कोविड की जांच भी नहीं करवाई, इनमें से 40 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडीज मिलीं।
वायरस लोड कम होने से भी बार-बार संक्रमण
एसएन मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अंकुर गोयल ने बताया कि वायरस का लोड शरीर में कम पहुंचने से पर्याप्त एंटीबॉडीज नहीं बन पातीं, इससे यह दो-तीन बार संक्रमित हो सकते हैं। लेकिन राहत की बात है कि मरीज की हालत ज्यादा गंभीर नहीं होती है।
केस एक: तीनों बार बुखार-खांसी, गले में रही खराश
एसएन के रेडियो डायग्नोस्टिक विभाग के डॉ. कपिल कुमार ने बताया कि बीते साल दो सितंबर को पॉजिटिव हुआ। दूसरी बार तीन अक्तूबर को फिर पॉजिटिव हो गया। पहले दो बार बुखार, खांसी, गले में खराश रही, तीसरी बार ड्यूटी ज्वाइन की और 27 अक्तूबर को फिर संक्रमित हो गया। तीसरी बार में पहले के मुकाबले हालत खराब थी, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने की नौबत नहीं आई।
केस दो: तीसरी बार संक्रमित होने पर गंभीर हालत
माईथान निवासी और एसएन में टेक्नीशियन धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि 2020 में अप्रैल में 23 दिन के अंतराल में दो बार संक्रमित हुआ। उस वक्त जुकाम-खांसी, बुखार रहा। तीसरी बार इसी साल 16 मार्च को संक्रमित हुआ, इस बार हालत गंभीर हो गई और ऑक्सीजन पर रहना पड़ा। तीसरी बार संक्रमित होने तक वैक्सीन का एक डोज भी लग चुका था।
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