जबलपुर। अग्निबाण द्वारा कुछ दिन पूर्व भू-माफियाओं के खिलाफ मुहीम छेड़ी गई थी। इसी कड़ी में रांझी सबकी-रांझी का कौन…की शुरुआत हुई थी। जिसमें की मांनेगांव स्थित शमशान भूमि पर हो रहे अतिक्रमण का खुलासा किया गया था। जिसके बाद प्रशासन सकते में आ गया। और उक्त भूमि पर रहने वाले लोगों को नोटिस जारी किया गया। तहसीलदार रांझी द्वारा विमला बाई उपाध्याय, जगदीश साहू, राजेश उपाध्याय के साथ ही आठ अन्य लोगों को न्यायालय में उपस्थित होकर जबाव देने का नोटिस दिया गया। दिलचस्प बात यह है कि यह नोटिस खसरा नंबर 6/1 व 6/2 के लिए जारी किया गया है, लेकिन जिन लोगों को नोटिस जारी किए गए है वह लोग खसरा नंबर 6/1 व 6/2 में नहीं बल्की भूखण्ड क्रमांक 1/1 में रहते हैं, जिनके पास उक्त भूखण्ड के पट्टे भी है। इनके द्वारा अपने भूखण्ड के सारे दस्तावेज अग्निबाण कार्यालय आकर दिखाए गए हैं। वहीं इन लोगों द्वारा अपनी बात शासन-प्रशासन तक पहुंचाने की मांग की है। यह बात समझ के परे है कि प्रशासन की मंशा क्या है। एक ओर कार्रवाही का दिखावा तो दूसरी और गरीबों को मानसिक प्रताडऩा दी जा रही है।
कब जागेगा प्रशासन
मामले को लेकर लगातार एसडीएम और तहसीलदार से संपर्क किया जा रहा है। लेकिन कभी भी संतोषजनक जबाव नहीं मिल पा रहा है। जब कार्रवाई करने की बात आई तो ऐसे नोटिस जारी हुए जिसमें तहसीलदार स्वयं घिरते नजर आ रहे हैं। सोचने वाली बात यह है कि आखिर तहसीलदार द्वारा कैसे गलत खसरा नंबर पर लोगों को नोटिस जारी कर दिए गए। एक तरफ कलेक्टर भूमाफियाओं पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं, वहीं उनके अधिनस्थ अधिकारियों द्वारा भूमाफियाओं से मिलकर इस प्रकार की अनोखी कार्रवाई की जा रही है।
आठ लोगों को जारी हुए है नोटिस
मामले को लेकर मधुवन पिता रामकरण धुर्वे, विमला बाई उपाध्याय, जगदीश साहू, राजेश उपाध्याय के साथ ही कुल आठ लोगों को नोटिस प्रशासन की ओर से जारी किया गया है। जिसको लेकर पीडि़तों का कहना है कि जब से उनको नोटिस प्राप्त हुआ है उनको समझ नहीं आ रहा है कि उनको बिना वजह क्यों परेशान किया जा रहा है। क्योंकि जब वे खसरा नंबर 6/1 व 6/2 में निवास ही नहीं करते तो उनको किस बात के लिए नोटिस जारी किया गया है। पीडि़तों ने बताया कि उनके पास ग्राम पंचायत मानेगांव से प्राप्त अनापत्ती प्रमाण पत्र भी मौजूद है। जिसमें की स्पष्ट उल्लेख है कि पंचायत द्वारा संचालित किसी भी सरकारी योजनाओं का जिन्होंने लाभ न लिया हो और आर्थिक स्थिति खराब हो, मकान की सख्त आवश्यकता हो, ग्राम पंचायत मानेगांव में शासकीय भूमि पर ये बेसरहारा कहीं भी मकान बना सकते हैं।
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