जबलपुर। अग्निबाण द्वारा पिछले अंक में यह पाठकों को बताया गया कि कैसे मानेगांव में स्थित 75 वर्षीय बुजुर्ग की जमीन पर कुछ बिल्डरों ने कब्जा करके अवैध कॉलोनी का निर्माण कर लिया था। जिसके बाद 75 वर्षीय बुजुर्ग काशी प्रसाद पटेल 2015 में कोर्ट की शरण में पहुंचे थे, जहां पर कोर्ट द्वारा अवैध कॉलोनी के निर्माण पर रोक लगा दी गई ।अनावेदकों को स्वामित्व के दस्तावेज पेश करने के निर्देश भी दिए गए थे।
रांझी सबकी रांझी का कौन?
कोर्ट ने कहा कि मानेगांव जमीन पर नियमों को ताक पर रखकर बन रही कॉलोनी अवैध है। अनआवेदक मिलीभगत कर उनके हिस्से की जमीन पर अवैध कॉलोनी बना रहे हैं जो कि अवैधानिक है।। उक्त मामले में हो रही विवाद की स्थिति को देखते हुए एसडीएम कोर्ट ने साफ चेतावनी दी कि उक्त क्षेत्र में शांति कायम रहे इसके साथ ही मामले के निराकरण तक किसी भी प्रकार का कोई निर्माण कार्य ना किया जावे। न्यायालय ने मामले में यथास्थिति के निर्देश देते हुए 26 फरवरी तक 1 आवेदकों को अपने दावे संबंधी दस्तावेज पेश करने के निर्देश दिए थे। परंतु आज तक प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। इन सभी बिल्डरों ने प्रशासन की निष्क्रियता का फायदा उठाकर अवैध कालोनी का निर्माण कर लिया। जहां आज की दिनांक में 20-25मकान बन चुके हैं।
क्या है मामला
शिकायतकर्ता काशी प्रसाद पटेल 75 वर्षीय ने बताया कि उनके पिताजी से सच्चर सरदार ने फर्जी तरीके से 1 एकड़ जमीन खरीदी थी। एक एकड़ पर फर्जी रजिस्ट्री करा कर भू माफियाओं द्वारा जमीन पर अवैध कॉलोनी का निर्माण शुरू कर दिया गया। शिकायतकर्ता के अनुसार 7/1,7/25 पर कब्जा करके मनीष खत्री एगणेश, अनिल गुप्ता, सुनील, दर्पण दुबे, प्रमोद दुबे, गगनप्रीत सिंह, दलविंदर, उमेश सिंह राजपूत ने अवैध कॉलोनी का निर्माण करते 20 से 25 मकान बना दिए । जिसके बाद मामले को लेकर काशी प्रसाद पटेलकोर्ट पहुंचे ।
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