नई दिल्ली: देश की तीनों सेनाओं में भर्ती को लेकर केंद्र सरकार की नई स्कीम अग्निपथ के बारे में डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स (DMA) के अधिकारियों ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विस्तार से जानकारी दी. सैन्य अधिकारियों ने कहा कि सशस्त्र बलों के उम्र संबंधी प्रोफाइल को घटाने के लिए यह सुधार ला रहे हैं.
सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि हर साल करीब 17,600 कर्मी समय से पहले सेवानिवृत्ति लेते हैं, ऐसा नहीं है कि अग्निपथ योजना के तहत ही लोग (सेना से) बाहर आएंगे. उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों की बढ़ती उम्र का कारक चिंताजनक है, यहां तक कि कारगिल समीक्षा समिति ने भी इस बारे में बात की थी. उन्होंने कहा कि ‘अग्निवीरों’ की सेवा शर्तें नियमित सैनिकों के जैसी ही होंगी.
पढ़िए डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स की प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें-
- एयर मार्शल एसके झा ने कहा कि एयर फोर्स 24 जून को अग्निपथ योजना के तहत पंजीकरण प्रक्रिया शुरू करेगी, ऑनलाइन परीक्षा प्रक्रिया 24 जुलाई को प्रारंभ होगी. वायुसेना में अग्निवीरों का पहला बैच दिसंबर में शामिल किया जाएगा, 30 दिसंबर को प्रशिक्षण शुरू होगा.
- नौसेना अधिकारी वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय नौसेना जून तक अग्निपथ योजना के तहत भर्ती के ब्योरे के साथ आएगी. अग्निवीरों का पहला बैच 21 नवंबर को प्रशिक्षण संस्थानों में रिपोर्ट करने लगेगा. एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत पुरुषों एवं महिलाओं दोनों की भर्ती कर रहे हैं.
- थल सेना के लेफ्टिनेंट जनरल बंशी पोनप्पा ने कहा कि आर्मी सोमवार को अग्निपथ योजना के तहत भर्ती के लिए मसौदा अधिसूचना जारी करेगी. अग्निपथ योजना के तहत भर्ती रैलियां अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में पूरे भारत में होंगी. करीब 25,000 अग्निवीरों का पहला बैच दिसंबर में सेना में शामिल होगा.
- अग्निवीरों के दूसरे बैच को अगले साल फरवरी तक सेना में शामिल किया जाएगा. सेना अग्निपथ योजना के तहत करीब 40,000 अग्निवीरों की भर्ती करने के लिए 83 रैलियां आयोजित करेगी.
- लेफ्टिनेंट जनरल अरुण पुरी ने कहा हमने योजना का विश्लेषण करने और बुनियादी क्षमता का निर्माण करने के लिए पहले साल 46,000 भर्तियों से छोटी शुरुआत की है. निकट भविष्य में हमारी ‘अग्निवीर’ की संख्या 1.25 लाख तक पहुंच जाएगी.
- देश की सेवा में अपना जीवन कुर्बान करने वाले ‘अग्निवीर’ को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा. उनके लिए अलग से किसी बैरक या ट्रेनिंग सेंटर की व्यवस्था नहीं की जा रही है. अग्निवीर भी नियमित सैनिकों के बराबर की सुविधाएं पाएंगे.
- लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि भारतीय सेना की नींव अनुशासन है. आगजनी, तोड़फोड़ करने वालों लिए यहां कोई जगह नहीं है. अग्निवीर बनने के लिए आवेदन करने वाला प्रत्येक उम्मीदवार एक प्रमाण पत्र देगा कि वह विरोध, आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसा का हिस्सा नहीं था. पुलिस सत्यापन सौ फीसदी होगा और उसके बिना कोई भी शामिल नहीं हो सकता है.
- उन्होंने कहा कि 4 साल की सेवा के बाद 10वीं क्लास पास अग्निवीर को 12वीं का सर्टिफिकेट दिया जाएगा. मिनिस्ट्री ऑफ हायर एजुकेशन इन्हें 12वीं कराएंगे. वैसे 12th पास पर भी काम चल रहा है. कुछ महीने में उस पर भी फैसला हो जाएगा. सेना से निकलने के बाद अलग-अलग मंत्रालयों और स्टेट पुलिस में भर्ती देने की बात कही गई है. कई राज्यों ने ऐलान किया है. बैंक लोन की भी सुविधा मिलेगी और वित्तीय संस्थानों की ओर से पैकेज बनाए जाएंगे.