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    4 लाख रुपए महीना घाटे में चल रहा है आगर रोड का स्वीमिंग पूल

  • April 27, 2023

    • प्रतिमाह 2500 का पास बन रहा है-अधिकारियों की फौज नहाने रोज फ्री में जाती है

    उज्जैन। स्मार्ट सिटी एवं नगर निगम द्वारा आगर रोड स्थित निगम कार्यालय के पीछे बड़ा तरणताल बनाया था जो घाटे में चल रहा है और हर माह 3 से 4 लाख रुपए घाटा हेा रहा है। यहाँ पर प्रतिदिन नगर निगम के अधिकारी एवं अन्य लोग फ्री में आते हैं जिसका पार्षदों ने विरोध किया और महापौर को शिकायत की। दूसरी ओर महंगा होने के कारण आम नागरिक कम नहाने आ रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि घाटे की यह दुकान नगर निगम कब तक चलाएगी। गर्मी में स्वीमिंग पूल में नहाने वालों की संख्या बढ़ जाती है। देवास रोड का तरणताल तो पूरी तरह से खराब पड़ा हुआ है।

    गर्मी की छुट्टियाँ शुरू होने वाली है और बच्चे स्वीमिंग पूल में नहाने और तैरना सीखने जाने का मन बना रहे हैं लेकिन इस बार तैरना सीखना काफी महँगा हो गया है। शहर में वर्तमान समय में तीन स्वीमिंग पूल चालू अवस्था में है। इनमें एक महानंदा नगर में स्पोर्ट्स एरिना में विकास प्राधिकरण का स्वीमिंग पूल है और दूसरा स्मार्ट सिटी का नगर निगम मुख्यालय के पीछे नजर अली मिल क्षेत्र में है, वहीं नगर निगम का एक और स्वीमिंग पूल जो देवास रोड पर था वह निर्माण कार्यों के चलते अभी बंद पड़ा है। जब नगर निगम मुख्यालय के पीछे स्वीमिंग पूल बनाया जा रहा था तो उत्तर विधानसभा के क्षेत्र के पुराने शहर में रहने वाले लोगों को बड़ी खुशी हुई थी कि हमारे बच्चों को तैराकी सिखाने में स्वीमिंग पूल काम आएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस स्विमिंग पूल की भारी भरकम फीस मध्यमवर्गीय और गरीब वर्ग को स्वीमिंग पूल में तैराकी सीखने नहीं आने देती है।


    स्मार्ट सिटी के स्वीमिंग पूल की महीने की फीस 1200 रुपये प्रतिमाह है, वहीं महानंदा नगर जो स्वीमिंग पूल है उसमें भी इतनी ही फीस ली जा रही है। ऐसे में गरीब और मध्यम वर्ग के लोग अपने बच्चों को तैराकी सिखाने नहीं ले जा पा रहे हैं। इसके अलावा एक स्वीमिंग पूल और माधव क्लब में है वह तो और ज्यादा 2500 रुपए प्रतिमाह फीस वाला है। इसके अलावा देवास रोड के नगर निगम के स्वीमिंग पूल में फिलहाल निर्माण कार्य कछुए की गति से चल रहा है। यह अगले सीजन तक भी पूरा हो जाए तो बड़ी बात है। ऐसे में तैराकी खेल के लिए शहर में सुविधा नाम की कोई चीज नहीं है। ऐसे में तैराकी में बच्चे आगे कैसे निकलेंगे यह बड़ी बात है। नगर निगम मुख्यालय के पीछे स्मार्ट सिटी के स्वीमिंग पूल में बड़ी फीस लग रही है। इस कारण लोग कम आते हैं। जानकारी मिली है कि विभिन्न विभागों के 20 से 25 अधिकारी रोज यहाँ नहाने आ रहे हैं लेकिन उनसे कोई फीस नहीं ली जाती है। इसके अलावा कुछ दिनों पहले एनडीआरएफ के 100 जवान भी प्रतिदिन स्वीमिंग पूल में नहाने आ रहे थे, इनसे भी किसी प्रकार की कोई फीस नहीं ली जा रही थी। इसी को लेकर कल एक पार्षद ने महापौर के सामने मुखर विरोध किया। उन्होंने कहा कि आप सिर्फ नियम पार्षदों और अन्य के लिए बना रहे हो, बाकी लोग अधिकारी और अन्य तो नियम तोड़ रहे हैं। इसके लिए क्या करोगे। महापौर ने कहा अब कोई भी बिना कार्ड के नहीं जाएगा चाहे वह कोई भी हो लेकिन ऐसा नहीं होता है। अधिकारियों की एक अपनी सत्ता चलती है और वह फोन पर किसी को भी फ्री में स्वीमिंग पूल में प्रवेश करा देते हैं। स्मार्ट सिटी के स्वीमिंग पूल को मेनटेन करने और पानी साफ रखने तथा कर्मचारियों के ऊपर प्रतिमाह 3 से 4 लाख रुपए का खर्च आता है और वर्तमान में इस स्वीमिंग पूल में पास लेकर आने वाले सदस्यों की संख्या मात्र 28 दिन से 50 से 60 हजार रुपये प्रतिमाह की कमाई होती है। ऐसे में यह स्वीमिंग पूल 3 से 4 लाख रुपये प्रतिमाह के घाटे पर चल रहा है।

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