नई दिल्ली। पिछले हफ्ते देश के दो सबसे बड़े उद्योगपति नेटवर्थ (Ambani Adani Net-Worth) की दौड़ में बिल्कुल आमने-सामने आ गए थे। अडानी ग्रुप (Adani Group) के प्रमुख गौतम अडानी (Gautam Adani) की संपत्ति में तेजी से बढ़ोतरी के कारण वो रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Reliance Industries (RIL) chairman Mukesh Ambani) के बेहद करीब पहुंच गए थे। अब एक फिर मुकेश अंबानी और गौतम अडानी के बीच संपत्ति का फासला बढ़ गया है. दोनों के बीच संपत्ति का अंतर 13 अरब डॉलर से ज्यादा का हो गया है।
संपत्तियों का फासला
ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स (Bloomberg Billionaires Index) के मुताबिक शुक्रवार को मुकेश अंबानी की संपत्ति 91.1 अरब डॉलर थी। उनकी संपत्ति उस दिन 3.6 अरब डॉलर की गिरावट आई थी, जबकि गौतम अडानी की संपत्ति 78.1 अरब डॉलर थी, उनकी संपत्ति 12.4 अरब डॉलर घटी थी। इस तरह से दोनों के बीच संपत्ति का फासला अब बढ़कर 13 अरब डॉलर से ज्यादा का हो गया है।
यही नहीं, सोमवार को रिलांयस इंडस्ट्रीज के शेयरों में 1 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। शेयर 2,437.70 रुपये पर बंद हुआ. वहीं अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई। ऐसे में आने वाले में दिनों संपत्ति का फासला और बढ़ने की संभावना है।
गौरतलब है कि 25 नवंबर को मुकेश अंबानी और गौतम अडानी की नेटवर्थ करीब-करीब बराबरी पर थी। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स के मुताबिक बीते गुरुवार को गौतम अडानी की दौलत मुकेश अंबानी की दौलत से महज 0.6 बिलियन डॉलर कम थी। मुकेश अंबानी की नेटवर्थ 89.7 अरब डॉलर (करीब 6.68 लाख करोड़ रुपये) थी। वहीं गौतम अडानी की संपत्ति 89.1 अरब डॉलर (करीब 6.64 लाख करोड़ रुपये) थी।
अडानी ग्रीन एनर्जी सेक्टर में मुकाबला
नेटवर्थ के साथ-साथ अंबानी और अडानी के बीच हरित ऊर्जा क्षेत्र (Green Energy Sector) में कड़ा मुकाबला चल रहा है. इस सेक्टर में अडानी ग्रीन एनर्जी ने पहले ही एंट्री ली है, जिसका लक्ष्य है कि साल 2025 तक 25 GW ((पवन, सौर और हाइब्रिड बिजली परियोजनाओं से युक्त) ऊर्जा का निर्माण करना है. पिछले दो वर्षों में AEGL के शेयरों में 13 गुना बढ़ोतरी हुई है. इस ग्रुप का साल 2030 तक दुनिया की सबसे बड़ी अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) फर्म बनने का लक्ष्य है।
वहीं दूसरी ओर RIL का ग्रीन एनर्जी बिजनेस पर इस साल खास फोकस रहा है. इस कड़ी में मुकेश अंबानी ने दुनिया भर में सौर, बैटरी और हाइड्रोजन परियोजनाओं में कई सौदे किए. RIL लगातार ग्रीन एनर्जी बिनजेस को विस्तार दे रहा है।
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