भोपाल। प्रदेश कांग्रेस ने भाजपा सरकार द्वारा कांग्रेस की सरकार के फैसलों के लिए मंत्री समूह गठित किए जाने पर निशाना साधा है। प्रदेश कांग्रेस ने कहा है कि शिवराज सरकार बार-बार मंत्री समूह गठित करके अपनी कमियों को छुपा रही है और हंसी की पात्र बन रही है।
प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने एक बयान जारी कर शिवराज सरकार द्वारा पिछली कांग्रेस सरकार के फैसलों की समीक्षा के लिए मंत्री समूह गठित करने की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि इससे ऐसा प्रतीत होता है कि कमलनाथ सरकार के जन कल्याणकारी फैसलों से शिवराज सरकार डर गई है और घबराहट में लिए गए ऐसे अव्यवहारिक निर्णय से सरकार हंसी की पात्र बन गई है। उन्होंने कहा कि अनैतिक रूप से बनाए गए मंत्री अब संवैधानिक रूप से नियुक्त पूर्व कांग्रेसी मंत्रियों के फैसलों की जांच करेंगे।
उन्होंने प्रश्न किया है कि मंत्रियों की पहली कमेटी की रिपोर्ट उजागर क्यों नहीं की जा रही? ऐसा लगता है कि पहली समिति ने अनजाने में ही व्यापम कांड, सिंहस्थ घोटाला, वृक्षारोपण फर्जीवाड़ा, ई टेंडर घोटाला, डंपर कांड, किसानों पर गोली चालन, नर्मदा यात्रा आदि तमाम घटनाओं की जांच तो नहीं कर ली। उन्होंने कहा कि विधायक चुने बिना मंत्री बनाए गए कांग्रेस के पूर्व मंत्रियों की रगों में भाजपा का खून अभी तक नहीं दौड़ पा रहा है, इसीलिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को दोबारा मंत्रियों की कमेटी बनाना पड़ी है । गुप्ता ने कहा कि कमेटी के सदस्य राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत अब अपने पूर्व सरकार में लिये फैसलों की समीक्षा किस हैसियत से करेंगे? पुरानी कमेटी के सदस्य मंत्री तुलसी सिलावट भी क्या अपने फैसलों की समीक्षा खुद ही करेंगे? यह शिवराज सिंह को स्पष्ट करना चाहिए। (एजेन्सी, हि.स.)
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