इंदौर। भाजपा की महिला मोर्चा की नगर कार्यकारिणी घोषित होने के दो घंटे के अंदर ही वापस ले ली गई और बाद में नगर उपाध्यक्ष तथा नगर मंत्री के दो-दो नाम काटकर कार्यकारिणी को फिर से घोषित कर दिया गया। बताया जा रहा हैकि इसको लेकर महिला मोर्चा की अध्यक्ष शैलजा मिश्रा नाराज हो गई और कार्यालय से चली गईं। उनका कहना था कि जब ग्वालियर में 8-8 नगर उपाध्यक्ष और मंत्री बनाए जा सकते हैं तो फिर इंदौर में क्यों नहीं।
महिला मोर्चा की कार्यकारिणी की सूची 15 दिन पहले से ही तैयार थीं और उसे नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे को सौंप दिया गया था। इसके बाद सूची घोषित करने को लेकर मिश्रा रोज भाजपा कार्यालय के चक्कर लगा रही थीं, लेकिन बड़े नेताओं की सहमति नहीं बनने के कारण सूची जारी नहीं हो सकी। कल रात 8 बजे के करीब कु़छ सोशल मीडिया ग्रुप पर मिश्रा के हस्ताक्षर से सूची जारी हो गई। इसमें 8 नगर उपाध्यक्ष और 8 नगर मंत्री शामिल थीं, वहीं कार्यसमिति में भी 47 नाम रख दिए गए थे।
इसके दो घंटे बाद ही नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे की ओर से जानकारी दी गई कि जो सूची सोशल मीडिया ग्रुप पर चल रही है वह अधिकृत नहीं है। इसके थोड़ी ही देर बाद संशोधित सूची जारी कर दी गई, जिसमें उपाध्यक्ष और मंत्री में से दो-दो महिलाओं के नाम काट दिए गए और कार्यसमिति के सदस्यों की संख्या भी 7 कर दी गई। बताया जा रहा है कि इस पर नगर अध्यक्ष शैलजा मिश्रा को रणदिवे की नाराजगी का शिकार भी होना पड़ा।
रणदिवे ने स्पष्ट किया कि भाजपा के संविधान के अनुरूप ही पदाधिकारी रख्नना थे, इस पर मिश्रा का कहना था कि ग्वालियर में 8-8 उपाध्यक्ष और मंत्री बनाए गए हैं, इसलिए उन्होंने भी अपनी कार्यकारिणी में पदाधिकारी बढ़ा दिए। सूत्रों का तो यह भी कहना है कि मिश्रा इस मामले में कार्यालय से नाराज होकर चली गईं। हालांकि कुछ और मोर्चा अध्यक्षों ने इसी तरह की कार्यकारिणी बना ली थी, जिसमें अब सुधार किया जा रहा है। रणदिवे ने भी सभी को स्पष्ट कर दिया कि पार्टी के संविधान के अनुसार ही संगठन का काम होगा।
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