नई दिल्ली। तमाम टेक कंपनियों की तरह अब गूगल (Google) की पितृ कंपनी अल्फाबेट (Alphabet) ने भी 10 हजार कर्मचारियों की छंटनी की योजना बनाई है। इसके तहत कमजोर प्रदर्शन वाले कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। इसके पहले मेटा, अमेजन, ट्विटर समेत कई टेक कंपनियां छंटनी शुरू कर चुकी हैं।
अब तक गूगल ने छंटनी की मंशा प्रकट नहीं की थी, लेकिन अल्फाबेट के जरिए वह भी ऐसी अन्य कंपनियों में शुमार हो गई है। निकाले जाने वाले 10 हजार कर्मचारी अल्फाबेट के कुल स्टाफ के 6 फीसदी होंगे।
जानकारी के अनुसार गूगल ने कर्मचारियों की नई रैंकिंग व परफार्मेंस योजना बनाई है। इस नए सिस्टम से गूगल के प्रबंधकों को नए साल से हजारों कर्मचारियों की छंटनी करने में मदद मिलेगी। इस योजना के तहत गूगल के प्रबंधक कर्मचारियों की ग्रेडिंग कर उन्हें बोनस व अन्य अनुदान भी रोक सकेंगे। पूर्व में आई रिपोर्ट में कहा गया था कि कंपनी स्टाफ को जॉब कट की दशा में नई भूमिका के लिए आवेदन करने के लिए 60 दिन का वक्त देगी।
नए सिस्टम के तहत प्रबंधकों को अपने स्टाफ के 6 फीसदी या मोटे तौर पर 10 हजार उन कर्मचारियों की पहचान करने को कहा गया है, जिनका प्रदर्शन कमजोर है। अनुमान के अनुसार अल्फाबेट के कुल कर्मचारी 1.87 लाख है। अमेरिकी सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल अल्फाबेट ने अपने कर्मचारी को औसत रूप से करीब 2,95,884 डॉलर वेतन भत्तों के रूप में प्रदान किए थे।
जॉब कट की खबरों के बीच कहा गया है कि अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई कंपनी की क्षमता में 20 फीसदी इजाफा चाहते हैं। कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन की बात करें तो अल्फाबेट को तीसरी तिमाही में 13.9 अरब डॉलर का मुनाफा हुआ है। यह पिछले साल के मुकाबले 27 फीसदी कम है।
टेक कंपनियों ने अर्थव्यवस्था के कमजोर हालात व अपनी स्थिति को देखते हुए बड़े पैमाने पर छंटनी शुरू की है। इसकी शुरुआत ट्विटर, मेटा, अमेजन, सेल्सफोर्स जैसी कंपनियों ने की, जो अब गूगल तक पहुंच गई है। टेक कंपनियों के वित्तीय प्रदर्शन में गिरावट व नए साल की योजनाओं व बजट को देखते हुए भी जॉब कट किया जा रहा है।
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