उज्जैन: आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के तिरुपति बालाजी मंदिर (Tirupati Balaji Temple) में प्रसाद के रूप में मिलने वाले लड्डूयों को लेकर चौंकाने वाला खुलासा तो मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) के प्रसाद पर भी सवाल खड़े हो गए. अब FSSAI से शुद्धता का 5 STAR रैंकिंग का प्रमाण पत्र प्राप्त कर चुकी महाकाल की लड्डू यूनिट की जांच की मांग उठ रही है. तसल्ली के लिए जांच करवाने की मांग मंदिर के पुजारी व श्रद्धालुओं ने की है.
पुजारी व श्रद्धालुओं का कहना है कि मन दुखी और व्यथित है. आंध्रप्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी की पुष्टि से देशभर में हड़कंप मचा हुआ है. लाखों करोड़ों श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई हैं. एमपी के उज्जैन में बाबा महाकालेश्वर के धाम में भी हर रोज लड्डू प्रसादी बड़ी मात्रा में भक्तों को दिया जाता है. हालांकि FSSAI की ओर से महाकालेश्वर मंदिर की लड्डू प्रसादी यूनिट को फाइव स्टार रैंकिंग के साथ शुद्धता का प्रमाण पत्र मिला हुआ है.
पुजारी महेश शर्मा का कहना है जिस जगह से घी आता है अधिकारियों को एक बार जांच और करना चाहिए. वहीं श्रद्धालुओं ने कहा कि अब हर जगह से भरोसा उठ गया है इसलिए दोबारा अधिकारियों को इसे संज्ञान में लेकर जांच करना चाहिए. मंदिर समिति का दावा लड्डू को बनाते समय स्वच्छता और शुद्धता का पूरा ध्यान रखा जाता है. लड्डुओं को शुद्ध घी, चना बेसन और ड्राई फ्रूट्स से तैयार किया जाता है.
आंध्र प्रदेश की सियासत में उस वक्त भूचाल आ गया जब एक प्राइवेट लैब ने रिपोर्ट में तिरुपति के लड्डूयों के इस्तेमाल जानवरों की चर्बी, फिश ऑइल और पाम ऑयल मिलाने का दावा किया. तिरुमला तिरुपति देवस्थानम द्वारा बनाया गया तिरुपति मंदिर का लड्डू आंध्र प्रदेश के तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए मुख्य व्यंजन है. हिंदू मंदिर में प्रसाद के रूप में चढ़ाए जाने वाले लड्डू की सामग्री में ‘जानवरों की चर्बी’ पाए जाने की खबरों के आंध्रप्रदेश के साथ-साथ देश भर के श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई हैं.
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