इंदौर। बीते तीन सालों से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत गोपाल मंदिर के आंतरिक और बाहरी हिस्सों को संवारने का काम शुरू किया गया था। पश्चिम बंगाल और पंजाब से लकड़ी के कुशल कारीगरों की टीम बुलाई गई, जिन्होंने दिन-रात मेहनत करके अब आंतरिक हिस्से को पूरी तरह बेहतर बना दिया है और अब आने वाले दिनों में गोपाल मंदिर के बाहरी हिस्सों को संवारने का काम शुरू किया जाएगा।
नगर निगम ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत राजबाड़ा और गोपाल मंदिर संवारने का काम शुरू कराया था। राजबाड़ा के कार्य में कई दिक्कतें आने के चलते कुछ दिनों के लिए कार्य रोक दिया गया है, वहीं अहमदाबाद से एक्सपर्ट की टीमें यहां पहुंचकर कार्यों के लिए कुछ निर्देश भी देकर गई थी। वहां भी आंतरिक हिस्सों में लकड़ी का कार्य है, जिसके चलते निगम सावधानीपूर्वक कार्य करा रहा है। बाहरी हिस्सों को संवारने के लिए विशालकाय स्ट्रक्चर बनाया गया है, लेकिन बारिश के चलते काम पुरजोर तरीके से शुरू नहीं हो पा रहा है, वहीं दूसरी ओर गोपाल मंदिर के आंतरिक हिस्सों का कार्य लगभग पूरा हो गया है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कार्यपालन यंत्री डीआर लोधी के मुताबिक 3 करोड़ की लागत से दो अलग-अलग फर्मों को इसके काम सौंपे गए थे और गोपाल मंदिर के समीप की बाहरी दीवार को उसी मान से फिर बनवाया गया और साथ ही आंतरिक हिस्सों को लकड़ी का कार्य अत्यधिक होने के चलते पश्चिम बंगाल और पंजाब के लकड़ी के कुशल कारीगरों की टीम विभिन्न एजेंसियों ने बुलाई थी। करीब 30 से ज्यादा कारीगरों ने दिन-रात मेहनत करके आंतरिक हिस्सों को उसी प्रकार संवारा था, जैसे गोपाल मंदिर का मूल स्वरूप पहले हुआ करता था। अब उनके मुताबिक आने वाले दिनों में बाहरी हिस्से को संवारने का कार्य शुरू किया जाना है और बारिश के चलते यह कार्य फिलहाल शुरू नहीं किया जा रहा है। गोपाल मंदिर के कई हिस्सों में छतों से पानी टपकने का भी मामला था, जिसके चलते पूरी छतों की मरम्मत और सुधार कार्य कराए गए। सितम्बर माह में गोपाल मंदिर का बाहरी कार्य भी पूरा कर लिया जाएगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved