नई दिल्ली: प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की दखल और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया (Health Minister Mansukh Mandaviya) की कोशिश के बाद अब दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) में कई तरह के बदलाव नजर आने लगे हैं. मंडाविया के बार-बार औचक निरीक्षण का ही परिणाम है कि अब दिल्ली एम्स में मरीजों को कई तरह की सुविधाएं मिल रही हैं, जो कुछ महीने पहले तक नहीं मिला करती थीं. अब एम्स में रक्त और रेडियोलॉजी जांच (Blood and Radiology Tests) के लिए मरीजों को अगले दिन का इंतजार नहीं करना पड़ता है.
बीते कुछ दिनों में एम्स प्रशासन ने मरीजों के हित में ध्यान में रखते हुए कई तरह की सुविधाएं शुरू की हैं. जैसे अब मरीज सोमवार से शुक्रवार तक सुबह आठ से शाम साढ़े छह बजे तक खून, स्वैब, यूरिन आदि के नमूने दे सकेंगे. शनिवार को सुबह आठ से अपराह्न साढ़े तीन बजे तक नमूने लिए जा रहे हैं. मरीज शाम साढ़े छह बजे तक रक्त जांच के लिए नमूना दे सकेंगे. इससे शाम तक ओपीडी सेवा में आने वाले मरीजों को जांच कराने में सुविधा होगी और उन्हें अगले दिन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
बता दें कुछ कोरोना की तीसरी लहर से पहले तक दिल्ली एम्स में अपराह्न 3.50 बजे तक ही जांच के लिए रक्त के नमूने लिए जाते थे. इससे देर से ओपीडी में आने वाले मरीजों को जांच कराने में परेशानी होती थी. एम्स में कैंसर, कार्डियोलाजी सहित कई विभागों के विशेष क्लीनिक की ओपीडी शाम तक होती है. मरीजों की परेशानी को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बीते 9 फरवरी को एम्स के विभागाध्यक्षों के साथ हुई बैठक में यह सुविधा शुरू करने के लिए कहा था, ताकि शाम को ओपीडी में आने वाले मरीजों की जांच उसी दिन हो सके. हालांकि, खाली पेट वाले नमूने पूर्वाह्न 11.30 बजे तक ही लिए जाएंगे.
मोदी सरकार में कैसे बदल रहा है चिकित्सा सुविधाएं?
गौरतलब है कि मोदी सरकार देश में बेहतर चिकित्सा सुविधा सुलभ कराने के लिए कई एम्स बना रही है, जिनमें से छह पूरी तरह से संचालित अवस्था में हैं और 10 में ओपीडी सेवाएं शुरु हो चुकी हैं. कुछ और एम्स इस साल के अंत तक पूरी क्षमता के साथ काम करना शुरू कर देंगी. देश के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने पिछले दिनों राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा था कि देश में आयुष्मान भारत और राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान जैसी योजनायें चल रही हैं, जिनका उद्देश्य आम जनता को गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना है.
दिल्ली एम्स में हुए हैं ये बड़े बदलाव
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर अब दिल्ली एम्स में लैब को भी राउंड द क्लॉक यानी 24 घंटे चलाने पर भी विचार किया जा रहा है. यूपी, बिहार सहित अन्य राज्यों के मरीजों को अब शाम साढ़े छह बजे तक सैंपल लिया जा सकता है. इसके साथ ही एम्स की ओपीडी अब सामान्य तौर पर काम करने लगी है. बीते कई महीनों से ओपीडी सेवा बाधित थी, लेकिन अब मरीजों के लिए अच्छी खबर है कि एम्स ओपीडी को अब फिर से पहले की तरह सामान्य कर दिया गया है.
कोरोना के बाद ओपीडी सेवाएं में हुए हैं ये सारे बदलाव
पिछले कुछ दिनों से एम्स की ओपीडी में नए और पुराने सभी मरीज पहले की तरह ही डॉक्टरों को दिखा रहे हैं. कोरोना के चलते एम्स में लंबे समय से ऑफलाइन ओपीडी और विशेष क्लीनिक की सेवाएं बंद थीं. इससे नए मरीजों का भी रजिस्ट्रेशन कम हो रहा था, सिर्फ पुराने मरीज फॉलोअप ओपीडी के लिए बुलाए जा रहे थे. अब ऑनलाइन के साथ मरीज ऑफलाइन भी ओपीडी में रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
दिल्ली में एम्स इतने मरीज इलाज कराते हैं
कोरोना से पहले साल 2019-20 में दिल्ली एम्स ने 44 लाख से अधिक मरीजों का इलाज ओपीडी में किया था. जो कि साल पिछले साल की तुलना में लगभग 6 लाख ज्यादा थे. कोरोना के दौर के बाद एक बार फिर से दिल्ली एम्स ने रफ्तार पकड़ लिया है. अमूमन हर साल दिल्ली एम्स में 2 से 3 लाख मरीजों को एडमिट कर इलाज किया जाता है. हर लाख दो लाख से अधिक सर्जरी किया जाता है.
कोरोना काल से पहले इतने मरीजों का होता था इलाज
बता दें कि दिल्ली एम्स में साल 2018-19 में 38,14,726 मरीजों का इलाज ओपीडी में हुआ था. वहीं, 2019-20 में 44,14,490 मरीजों का इलाज किया गया. यानी कुल 5,99,764 ज्यादा मरीजों का इलाज किया गया. दिल्ली एम्स में ओपीडी में मरीजों की यह संख्या दर्शाती है कि पूरे देश को इस संस्थान के इलाज, जांच पर बहुत ज्यादा भरोसा है. इतना ही नहीं एम्स दिल्ली में रोजाना 15 हजार से ज्यादा मरीजों का ओपीडी में इलाज होता है, जिसे अब बढ़ा कर 20 हजार करने का लक्ष्य रखा गया है. साल 2019-20 में रोजाना 14 हजार से अधिक मरीजों का इलाज ओपीडी में किया जा रहा है.
अब रविवार को भी ओपीडी सेवाएं
मोदी सरकार की पहल पर एम्स में अब रविवार को भी ओपीडी शुरू हो गई है. हार्ट के वॉल्व से जुड़े मरीजों के लिए फॉलोअप ओपीडी लगाई जा रही है. एंटीकॉगुलेशन यानी खून पतला करने वाली दवा में जो मरीज हैं, उन्हें इलाज की सुविधा मिलेगी. इससे वॉल्व की सर्जरी कराने वाले मरीजों को फायदा होगा. पिछले साल रविवार 17 अक्टूबर को पहली एंटीकॉगुलेशन क्लिनिक शुरू किया गया. इसके साथ ही एम्स में रविवार और राष्ट्रीय अवकाश के दिन भी दवा की दुकान खुले रहेंगे.
500 रुपये तक जांच फ्री
इसके साथ ही अब एम्स में 500 रुपये तक की जांच के लिए लाइन में लगकर शुल्क जमा कराने वाले मरीजों को राहत दी गई है. एम्स में अब 500 रुपये तक की जांच मुफ्त शुरू होने जा रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एम्स की समिति की उन सिफारिशों को स्वीकृति दे दी है, जिसमें समिति ने संस्थान में 500 रुपये तक की जांच मुफ्त करने की सिफारिश की थी.
कुलमिलाकर मोदी सरकार दिल्ली एम्स सहित देश के अन्य बड़े अस्पतालों के सेहत को सुधारने में जुट गई है. मोदी सरकार के स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया का पिछले साल दिल्ली के बड़े अस्पतालों का औचक निरीक्षण का असर अब दिखने लगा है. इससे अन्य अस्पतालों को भी मैसेज साफ गया है. इसका असर यह है कि दिल्ली एम्स में कई तरह के बदलाव और सुधार देखने को मिल रहे हैं.
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