गुना। मध्य प्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया द्वारा बैठक में विगत दिवस शिवपुरी जिले के पुलिस प्रशासन ने अफसरों को कडक लहजे में चेतावनी देकर सख्त निर्देश दिए थे कि जिले भर में स्मैक, सट्टा के अलावा अवैध रेत भंडारण के खिलाफ कठोर कार्यवाही तीन दिवस में की जाए, अगर अफसरों ने कार्रवाई करने में लापरवाही बरती तो मैं सस्पेंड कर दूंगा। दूसरी तरफ गरीब तबके के लोगों को शासन से दिया जाने वाला राशन घोटाला करने वाले माफियाओं पर कार्यवाही के लिए उन्होंने कलेक्टर शिवपुरी से कहा कि जब एसडीएम राशन दुकान का आवंटन कर सकते हैं …तो फिर कार्यवाही क्यों नहीं करते?,
पंचायत मंत्री सिसोदिया ने कड़े शब्दों में शिवपुरी पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल को निर्देश दिए कि अगर तीन दिवस में सट्टा नशा माफिया के खिलाफ कठोर कार्यवाही नहीं हुई तो फिर टीआई सस्पेंड होने के लिए तैयार रहें। मंत्री के निर्देशों के बाद पुलिस खनिज का अमला कार्यवाही के लिए सड़क पर नजर आया, कार्यवाही के डर से जहां नशा माफिया या तो जिला छोड़ गए या फिर भूमिगत हो गए, वहीं रेत भंडारण में लिप्त माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही के लिए खनिज का अमला अनेकों जगह पहुंचा कार्यवाही की भनक लगते ही रेत भरे वाहनों ने जहां रास्ता बदला वहीं बगैर रॉयल्टी के चलने वाले भाजपा विधायक के नाम के वाहन बीच रास्ते में ही सुरक्षित जगहों पर खड़े हो गए, वहीं पूर्व भाजपा विधायक के करीब 3 रेत भरे वाहन पुलिस व खनिज विभाग ने पकड़े।
सट्टा नशा माफियाओं को पुलिस का साथ …अभी तक कार्यवाही नहीं!
दूसरी तरफ सट्टा स्मैक माफियाओं के खिलाफ मंत्री ने कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे कार्यवाही के परिणाम ना मिलने पर थाना प्रभारियों को सस्पेंड सस्पेंड करने की बात प्रभारी मंत्री सिसोदिया के द्वारा कही गई थी। सूत्र बताते हैं कि मंत्री के निर्देशों के बाद जहां रेत कारोबारियों पर कार्यवाही हुई लेकिन सट्टा नशा माफिया पर कार्यवाही अभी पुलिस नहीं कर पाई,।इसी बीच शिवपुरी जिले में एक युवक की नशे के इंजेक्शन रानी से मौत होने का मामला भी सामने आया है जिस से शिवपुर जिले की पुलिस की नशा माफियाओं से कहीं पेट की पोल खोलती हुई नजर आ रही है। गुना में खनिज माफियाओं की मौज, पुलिस प्रशासन सुस्त, शासन के खजाने को करोड़ों का चूना। गुना जिले में खनिज माफिया राजनीतिक रसूख के चलते अपना वजूद बना रहा है माफियाओं के द्वारा खनिज सामग्री को ओवरलोड के अलावा बगैर रायल्टी के एक से दूसरे स्थानों के अलावा दीगर जिलों में भी सप्लाई किया जा रहा है।सूत्र बताते हैं कि जिले भर में अनेकों पत्थर खदानों की सरकारी लीज की अवधि पूरी होने के बाद भी उन्हें संचालित खनिज विभाग की मेहरबानी से किया जा रहा है, खटारा वाहन बगैर रायल्टी फिटनेस परमिट बीमा के शहर सहित जिलेभर में सप्लाई कर रहे हैं लेकिन उन्हें रोकने टोकने वाला विभाग मौन है, विभाग के नियमों को दरकिनार करते हुए खनन माफिया के जेसीबी, डंपर, ट्रैक्टर खुलेआम अवैध उत्खनन कर शासन के खजाने को करोड़ों का राजस्व चूना खनिज अफसरों की मिलीभगत से लगा रहे हैं जबकि खनिज अफसर दोनों हाथों से रुपया समेटकर अपनी तिजोरियां भरने में लगे हुए हैं जिनपर आखिर कब लगेगी यह कह पाना मुश्किल है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved