नई दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में गुरुवार को वक्फ विधेयक पेश किया. विपक्ष ने इसे असंवैधानिक करार दिया. राजनीतिक दलों की मांग पर अब इसे संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजने का प्रस्ताव रखा गया है. इस बिल को नया भी दिया गया है. अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि अब इस विधेयक का नाम ‘यूनाइटेड वक्फ एक्ट मैनेजमेंट, एम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट एक्ट-1995 यानी कि ‘उम्मीद’ रखा गया है. उम्मीद करता हूं कि संसद सदस्य इस विधेयक के प्रावधानों को समझकर समर्थन करेंगे. आइए जानते हैं संसद के निचले सदन में पेश इस विधेयक से जुड़ी खास बातें.
- वक्फ संशोधन विधेयक पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि ये विधेयक किसी का हक छीनने नहीं बल्कि जिन्हें कभी उनका हक नहीं मिला, उन्हें हक दिलाने के लिए लाया गया है. इसमें किसी धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है. इसके साथ ही संविधान के किसी अनुच्छेद का उल्लंघन भी नहीं किया गया है.
- रिजिजू ने कहा, वक्फ संशोधन सदन में पहली बार नहीं पेश किया गया है. सबसे पहले 1954 में यह विधेयक लाया गया था. इसके बाद इसमें कई संशोधन किए गए. यह संशोधन विधेयक काफी विचार-विमर्श करने के बाद लाया गया है. इससे मुस्लिम महिलाओं और बच्चों का कल्याण होगा.
- इस विधेयक का विरोध करने वाली कांग्रेस पार्टी को रिजिजू ने घेरा. उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के समय बनी सच्चर कमेटी और एक जेपीसी का जिक्र किया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इनकी सिफारिशों के आधार पर ही यह विधेयक लाया गया है. हालांकि, विपक्ष का आरोप है कि यह संविधान पर हमला है और अल्पसंख्यकों के खिलाफ है.
- कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल ने सरकार से पूछा, सुप्रीम कोर्ट के आदेश से अयोध्या में मंदिर बोर्ड का गठन किया गया. क्या कोई गैर हिंदू इसका सदस्य हो सकता है. फिर वक्फ में गैर मुस्लिम सदस्य की बात क्यों? ये तो आस्था और धर्म पर हमला है. अभी मुसलमानों पर हमला हो रहा है कल ईसाई और जैन समाज पर होगा.
- समाजवादी पार्टी ने भी इस विधेयक को लेकर सरकार पर हमला बोला. सपा सांसद मोहिबुल्ला नदवी ने कहा कि मुसलमानों के साथ ऐसा अन्याय क्यों किया जा रहा है? संविधान को रौंदा जा रहा है. ये सरकार बहुत बड़ी गलती करने जा रही है, जिसका खामियाजा हमें सदियों तक भुगतना पड़ेगा. अगर ये कानून पारित हुआ तो अल्पसंख्यक खुद को असुरक्षित महसूस करेंगे. कहीं ऐसा नहीं हो कि लोग दोबारा सड़कों पर आ जाएं.
- टीएमसी नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने भी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है. इससे धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन होगा.
- विपक्ष के तमाम आरोपों पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्ष की सभी आशंकाओं को दूर किया जाएगा. उन्होंने विधेयक को संसद की संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजने का प्रस्ताव रखा. इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘सभी पार्टियों के नेताओं से बात करने के बाद संयुक्त संसदीय समिति का गठन करूंगा.
- एनडीए के दो प्रमुख घटक दल जेडीयू और टीडीपी ने वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन किया है. कहा है कि इससे वक्फ से जुड़ी संस्थाओं में पारदर्शिता आएगी. हालांकि, टीडीपी का कहना है कि व्यापक विचार-विमर्श के लिए इसे संसदीय समिति के पास भेजा जाना चाहिए.
- जेडीयू नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि विपक्ष के कई सांसदों की बातों से लग रहा है कि यह विधेयक मुसलमान विरोधी है. कैसे मुसलमान विरोधी है? विपक्ष ने मंदिरों की बात की है लेकिन मंदिर और संस्था में अंतर है. ये विधेयक आना चाहिए और वक्फ संस्थाओं में पारदर्शिता होनी चाहिए.
- टीडीपी सांसद जीएम हरीश बालयोगी ने कहा कि वक्फ दानदाताओं के उद्देश्य की रक्षा की जानी चाहिए. हम सरकार के इस प्रयास का समर्थन करते हैं. हमारा मानना है कि वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण से गरीब मुसलमानों को मदद मिलेगी.