नई दिल्ली । कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) की शुरुआती सफलता के बाद दवा कंपनी एस्ट्राजेनका (AstraZenka) ने एक ऐसी एंटीबॉडीज तैयार की है जो कोरोना संक्रमित लोगों को गंभीर बीमार होने से बचा सकती है. यह एंटीबॉडीज खासकर वैसे लोगों के लिए लाभदायक हो सकेगी जिन्हें वैक्सीन नहीं मिल पाई है या फिर जिन्हें किन्हीं वजहों से वैक्सीन नहीं दी जा सकती.
मीडिया में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, नई एंटीबॉडीज का ट्रायल शुरू कर दिया गया है और यह इस तरह का पहला ट्रायल है. शुरुआत में 10 लोगों को यह एंटीबॉडीज दी गई हैं. ये 10 ऐसे लोग हैं जो बीते 8 दिन में किसी न किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के नजदीक आए थे. इसे कोरोना से बचाव का इमरजेंसी प्रोटेक्शन भी बताया जा रहा है. नई एंटीबॉडीज को एस्ट्राजेनका कंपनी ने तैयार किया है.
वहीं, ब्रिटेन सरकार की यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन हॉस्पिटल्स (UCLH) ने एंटीबॉडीज का ट्रायल शुरू किया है. ट्रायल के दौरान यह भी पता लगाने की कोशिश होगी कि क्या दो तरह की एंटीबॉडीज का इस्तेमाल करने पर कोरोना से अधिक सुरक्षा मिलती है?
बता दें कि वैक्सीन लगाए जाने के बाद पूरी तरह इम्यूनिटी डेवलप होने में कई हफ्ते का वक्त लगता है. कोई व्यक्ति अगर पहले ही संक्रमित हो चुका है तो उन्हें वैक्सीन से तुरंत सुरक्षा मिले, यह जरूरी नहीं है. उम्मीद की जा रही है कि यह एंटीबॉडीज तुरंत ही कोरोना वायरस को न्यूट्रलाइज कर देगी. साथ ही इससे व्यक्ति एक साल तक कोरोना से सुरक्षित रह सकता है.
UCLH के वायरोलॉजिस्ट केथरीन हूलिहान ने कहा कि वे ट्रायल में एक हजार वॉलेंटियर्स को शामिल करना चाहती हैं. ट्रायल में शामिल होने वाले लोगों को यह बताना होगा कि वे हाल में किसी संक्रमित व्यक्ति के नजदीक आए थे.
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