सान फ्रैंसिस्को। 44 अरब डॉलर में ट्विटर को खरीदने के बाद अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने सबसे पहले ट्विटर के चार शीर्ष अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया। इनमें सीईओ पराग अग्रवाल, कानूनी कार्यकारी अधिकारी विजया गड्डे, मुख्य वित्तीय अधिकारी नेड सेगल और जनरल काउंसल सीन एजेट शामिल हैं। अब बताया जा रहा है कि मस्क कंपनी के कुल स्टाफ में भी कटौती चाहते हैं।
मामले की जानकारी रखने वाले चार लोगों ने बताया कि प्रबंधन से जुड़े कई वरिष्ठ अधिकारियों से मस्क ने सूची तैयार करने को कहा है। पहचान गुप्त रखने की शर्त पर ट्विटर के इन कर्मचारियों ने बताया कि किस स्तर के कितने लोगों की नौकरियां खतरे में यह तो पता नहीं, लेकिन मस्क ट्विटर के मौजूदा 7,500 कर्मचारियों में से महज 50 फीसदी को ही रखना चाहते हैं।
ट्विटर कर्मचारियों का कहना है कि मस्क छंटनी की तलवार एक नवंबर से पहले ही चला सकते हैं, क्योंकि एक नवंबर को कर्मचारियों को उनके कुल वेतन पैकेज के हिस्से के तौर पर कंपनी के शेयर मिलने हैं। मस्क चाहेंगे कि जिन लोगों को निकालना है, उन्हें एक नवंबर से पहले ही निकाल दिया जाए, ताकि शेयर देने की जरूरत ही नहीं पड़े और खर्च कम किया जा सके।
गेरबर कावासाकी वेल्थ एंड इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट के मुख्य कार्यकारी रॉस गेरबर ने बताया कि उन्हें मस्क के कर्मचारी जारेड बिर्चल से पता चला कि मस्क ट्विटर में 50 प्रतिशत लोगों की छंटनी करना चाहते हैं। गेरबर ने बताया कि उनकी फर्म ने मस्क के ट्विटर अधिग्रहण में 10 लाख डॉलर का निवेश किया है।
ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल सहित चारों शीर्ष अधिकारियों को नौकरी से निकाले जाने पर 2 से 6 करोड़ डॉलर का गोल्डन पैराशूट पैकेज दिया जाना है। लेकिन, मस्क यह लाभ नहीं देना चाहते। मस्क का मानना है कि इन सभी ने नौकरी के समझौते की शर्तों का उल्लंघन किया है, इस वजह से इन्हें बिना किसी लाभ के बर्खास्त किया गया है, लिहाजा किसी भी ऐसे लाभ के हकदार नहीं, जो सामान्य परिस्थिति में नौकरी से निकाले जाने के समय दिए जाने थे।
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