नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सरकार (Government) की पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद केन्द्र सरकार (Central Government) सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की पहचान के साथ ही उन्हें अधिसूचित करने के लिए राज्य सरकारों (State Governments) के अधिकारों को बहाल करने के लिए संसद (Parliament) में अध्यादेश लाने पर विचार कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अनुच्छेद 324ए की व्याख्या के आधार पर मराठा समुदाय के लिए कोटा खत्म करने के आदेश के खिलाफ केन्द्र सरकार द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका दायर को खारिज कर दिया। इस पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिए 2018 में संविधान में 102वें संशोधन के माध्यम से अनुच्छेद 324ए लाया गया था। सरकार अब इस कानून में संशोधन करने पर विचार कर रही है। ऐसा कर केन्द्र सरकार (Central Government) पिछड़ा वर्ग आरक्षण के मामले में राज्य सरकारों को अधिकार देने के पक्ष में है।
केंद्र सरकार (Central Government) जल्द ही इस मुद्दे पर राजनीतिक (Political) परामर्श शुरू करेगा, जिसका न केवल महत्वपूर्ण राजनीतिक प्रभाव है, बल्कि संघीय ढांचे पर भी इसका गहरा असर है। केंद्र सरकार मुख्य रूप से एक खंड जोडऩे के लिए आर्टिकल 324 ए में संशोधन पर विचार कर रहा है, जो स्पष्ट रूप से कहेगा कि यह एसईबीसी को अधिसूचित करने के राज्य के अधिकार से वंचित या प्रभावित नहीं करता है।
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