नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट(Supreme court) ने बुधवार को राजद्रोह कानून के मामले पर सुनवाई करते हुए अहम फैसला सुनाया. कोर्ट ने आज आदेश दिया कि विवादास्पद राजद्रोह कानून(sedition law) पर रोक रहेगी क्योंकि सरकार इसकी समीक्षा करेगी और जेल में बंद लोग जमानत के लिए अदालत (court) का दरवाजा खटखटा सकते हैं. वहीं आदेश के तुरंत बाद, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वह “अदालत और इसकी स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं,” लेकिन एक “लक्ष्मण रेखा” है जिसे पार नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा, “हमने अपनी स्थिति बहुत स्पष्ट कर दी है और अपने पीएम (प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी) के इरादे के बारे में अदालत को सूचित किया है. हम अदालत और इसकी स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं. लेकिन एक ‘लक्ष्मण रेखा’ है जिसका सम्मान सभी अंगों द्वारा किया जाना चाहिए.”
सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को लेकर तीन अहम बातें कही. पहला फिलहाल कोई मुकदमा इस मामले में दर्ज नहीं होगा. दूसरा पेंडिंग मामलों में जो मुकदमे इस धारा के तहत दर्ज है उन्हे ठंडे बस्ते में रखा जाएगा. ये सारे आदेश तब तक लागू रहेंगे जब तक कोर्ट कोई अगला आदेश न दे या फिर सरकार इस पर कोई फैसला न ले ले. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला देते हुए राजद्रोह कानून के तहत कोई नया केस दर्ज करने पर रोक लगा दी. चीफ जस्टिस एनवी रमण की बेंच ने केंद्र सरकार को देशद्रोह कानून (sedition law) धारा 124A पर पुनर्विचार करने की इजाज़त देते हुए कहा कि इस प्रावधान का उपयोग तब तक करना उचित नहीं होगा. जब तक कि इस पुनर्विचार की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved