उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर के पीछे रुद्रसागर के आसपास चल रहामृदा प्रोजेक्ट का कार्य मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अवलोकन करने के पश्चात मार्च 2022 के पहले पूर्ण करने की हिदायत दिए जाने के बाद मृदा प्रोजेक्ट के कार्य में तेजी नजर आ रही है। मृदा प्रोजेक्ट के कई कार्य पूर्णता की ओर अग्रसर है, जिसमें हरी फाटक ओवरब्रिज से बेगम बाग तक दीवार बन चुकी है, और दीवारों पर पत्थरों पर उकेरी गई सुंदर कलाकृतियां लग चुकी है ,108 स्तंभ भी लगाए जा चुके हैं ,और भगवान शिव शंकर परिवार सहित ऋषि मुनियों की विशाल प्रतिमाएं भी लगाई जा चुकी है, पूरे क्षेत्र में कई वाटिका है बनकर तैयार हो चुकी है, और पूरे इलाके में एरन के ब्लॉक लगाए जा चुके हैं, त्रिवेणी संग्रहालय के पास मुख्य द्वार भी बनकर लगभग तैयार हो चुका है, मुख्य द्वार से महाकालेश्वर मंदिर प्रवेश द्वार तक सीमेंट कंक्रीट की पक्की रोड बनाई जा चुकी है, वहीं त्रिवेणी संग्रहालय के पास एक बड़ा सभा मंडप भी बन चुका है। हरी फाटक ओवर ब्रिज के पास जयसिंह पुरा क्षेत्र में पार्किंग स्थल भी अपनी पूर्णता की ओर है ,चार धाम मंदिर के पास स्कूल का विशाल भवन बनकर तैयार हो चुका है ,रूद्र सागर मैं शिप्रा नदी का पानी लाने के लिए पाइप लाइन का कार्य मी चल रहा है ,प्रोजेक्ट इंजीनियर के मुताबिक बहुत जल्द ही रूद्र सागर कि सफाई का कार्य शुरू किया जाएगा।
बहर हाल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत महाकालेश्वर मंदिर के आसपास चल रहे कार्यों में प्रगति नजर आ रही है लेकिन मार्च 2022 तक इस प्रोजेक्ट पूर्ण होना संभव नजर नहीं आ रहा है, क्योंकि इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत कई बड़े कार्य अभी किए जाना बाकी है ,इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत अंडर ग्राउंड पार्किंग स्थल बनाया जाना, चार धाम मंदिर से लेकर महाकालेश्वर मंदिर पार्किंग तक पैदल पुल बनाना ,महाकालेश्वर मंदिर कुंड के पास का क्षेत्र विकसित होना, महाकालेश्वर मंदिर के सामने का हिस्सा कुछ अभी टूटा है लेकिन 70 मीटर तक का एरिया टूटना बाकी है, महाकालेश्वर मंदिर के सामने का मुख्य मार्ग का चौड़ीकरण होना बाकी है, इसी के साथ साथ महाराज वाडा क्षेत्र से लेकर बड़ा गणेश मंदिर तक के पूरे क्षेत्र को विकसित किया जाना अभी बाकी है ,बड़ा गणेश मंदिर के पास एक बड़ी पानी की टंकी बनाना भी प्रस्तावित है, इसके अलावा महाकालेश्वर मंदिर के सामने एक मुख्य द्वार एवं हरसिद्धि मंदिर के सामने भी एक भव्य द्वार बनाना भी प्रस्तावित है, पूरे शहर के नालों का पानी शिप्रा नदी एवं रुद्रसागर मैं मिलने से रोकने के लिए भी सीवरेज पाइप लाइन का कार्य भी चल रहा है, हरी फाटक ओवर ब्रिज की चारों भुजाओं के विस्तारीकरण का कार्य भी प्रस्तावित है ,इसके लिए अभी रेलवे के अधिकारियों से बातचीत का दौर जारी है। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए महाकालेश्वर मंदिर परिसर विस्तार योजना एवं मृदा प्रोजेक्ट को पूर्ण होने में लगभग 1 साल का वक्त और लग सकता है।
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