काबुल/इस्लामाबाद/बीजिंग: पाकिस्तान (pakistan) में चाइना-पाकिस्तान (China-Pakistan) इकनॉमिक कॉरिडोर (economic corridor) में काम कर रहे चीनी इंजीनियरों (engineers) पर लगातार हो रहे टीटीपी (ttp) आतंकियों के हमलों को रोकने में पाकिस्तानी सेना असफल हो रही है। पाकिस्तानी सेना को फेल होता देख अब चीन तालिबान (taliban) की शरण में पहुंचा है। चीन ने तालिबान से गुहार लगाई है कि वह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को चीनी नागरिकों पर हमले करने से रोके। यही नहीं चीन ने तालिबान को लालच दिया है कि अगर वह टीटीपी को हमले करने से रोकता है तो अफगानिस्तान में अरबों डॉलर का निवेश करेगा। चीन ने यह कदम तब उठाया है जब हाल ही में टीटीपी आतंकियों ने चीन के इंजीनियरों की हत्या कर दी थी और पाकिस्तानी सेना उन्हें रोकने में फेल साबित हुई।
चीनी अखबार साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक हाल के दिनों में अफगानिस्तान और ईरान की सीमा से आतंकी हमले हुए हैं। पाकिस्तानी सेना ने टीटीपी के ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ है। इसके बाद चीनी राजनयिकों ने तालिबान को मनाने के लिए लालच देने का फैसला किया है। पाकिस्तान का कहना है कि तालिबान टीटीपी आतंकियों को पाल रहा है। चीनी राजनयिकों ने पाकिस्तान के प्रभावशाली लोगों से कहा है कि तालिबानी टीटीपी पर लगाम नहीं लगा रहे हैं और यह पीठ में छुरा घोपने की तरह से है।
टीटीपी ही नहीं चीन को सता रहा उइगरों का डर
इससे पहले चीन ने एक तरह से तालिबानी सरकार को मान्यता दे दी थी और उसके राजदूत को चीन में स्वीकार भी कर लिया था। पाकिस्तानी सूत्रों का कहना है कि अफगानिस्तान के खोस्त प्रांत से टीटीपी आतंकियों ने हमला किया था। इस ग्रुप ने साल 2021 में भी पाकिस्तान के दासू में हाइड्रो पावर प्लांट को बनाने में लगे 9 चीनी इंजीनियरों की हत्या कर दी थी। चीन ने कहा है कि अगर तालिबान टीटीपी को हमले करने से रोकता है तो वह अफगानिस्तान में अरबों डॉलर का निवेश करेगा। तालिबानी लगातार कोशिश कर रहे हैं कि चीन खनन और अन्य क्षेत्र में निवेश करें।
चीन की चिंता सिर्फ टीटीपी आतंकी नहीं हैं। चीन को तुर्कीस्तान इस्लामिक पार्टी के उइगर उग्रवादियों को लेकर भी चिंता है जिनके अलकायदा से संबंध हैं। हालांकि अभी तक इस संगठन ने चीन में सीमा पार करके हमले नहीं किए हैं। चीन ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सीपीईसी में 65 अरब डॉलर का निवेश किया है और इन हमलों से उसे सुरक्षा का खतरा दिख रहा है। पाकिस्तान ने चीनी राजनयिकों से कहा है कि बलूचों से खतरा है और वे अभी ‘दूर रहें।’ चीन ने लगातार पाकिस्तान से सुरक्षा चिंताओं का मुद्दा उठाया है। पाकिस्तान को चेतावनी भी दी है लेकिन फिर भी हमले रुक नहीं रहे हैं। चीन के विदेश मंत्री ने हाल ही में पाकिस्तान से और ज्यादा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था करने को कहा है।
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