धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार मां-बाप की जमानत पर बेटी को कोई एतराज नहीं
कोर्ट ने दो मुलजिमों के फरार होने से नकारी जमानत अर्जियां
इंदौर। लव जिहाद व धर्मांतरण के नए कानून के अस्तित्व में आने के बाद साल के पहले संगीन केस में ही महज आधा माह केभीतर ही बेटी ने मुलजिम बने अपने मां-बाप को जमानत देने पर कोई एतराज नहीं उठाया। हालांकि मुलजिमों की कवायदें धरी रह गईं और अन्य मुलजिमों के फरार होने से कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जियां ठुकरा दीं।
सूत्रों के मुताबिक मामले में रानी कौशल व उसका पति राकेश कौशल अभी जेल में बंद हैं। दोनों की ओर से भंवरकुआं थाने में दर्ज मप्र धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2020 के केस में दूसरी मर्तबा जमानत की अर्जियां दाखिल की गई थीं। रोचक बात यह है कि इन अर्जियों पर सुनवाई के वक्त मामले में फरियादिया शालिनी ने खुद कोर्ट में हाजिर होकर जमानत देने पर एतराज नहीं उठाया और कहा कि मुलजिम उसके माता-पिता हैं। उन्हें जमानत मिलती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है। वहीं मुलजिमों ने दलील दी थी कि उनकी बेटी की तबीयत खराब रहती है, इसलिए वे उसे अनेक धर्मस्थल ले जाया करते थे। इसी तारतम्य में 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व मनाने वे उसे इंद्रपुरी स्थित सत्यप्रकाशन संचार केंद्र ले गए थे। वहां किसी तरह का धर्मांतरण नहीं कराया गया था। पुलिस की ओर से जमानत देने का विरोध करते हुए कहा गया कि मामले में अभी जांच जारी है और दो मुलजिम अभी तक फरार हैं। इन मुलजिमों को जमानत मिली तो वे गवाहों व फरियादी को धमकाएंगे। संबंधित पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने केस डायरी देखने पर पाया कि फरियादी ने उक्त स्थान पर रोहित बामनिया व दीक्षांत पाटीदार के भी धर्म परिवर्तन की बात कही है। उस पर भी धर्मांतरण का दबाव बनाया गया और नहीं मानने पर नाच-गाना कराया गया। ऐसे में जज वायके गुरु ने दो मुलजिमों के फरार होने व जांच जारी होने का हवाला देकर कौशल दंपति की जमानत अर्जियां दूसरी बार भी खारिज कर दीं।
9 लोग हो चुके गिरफ्तार, 2 अभी भी फरार
धर्मांतरण की सूचना को लेकर हिंदू संगठनों ने हंगामा मचाया तो पुलिस ने मप्र सरकार द्वारा लाए नए कानून के तहत इंदौर में पहली बार केस दर्ज किया था। मामले में कौशल दंपति सहित 9 लोगों को 25 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। वे तब से जेल में हैं।
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