नई दिल्ली: पंजाब (Punjab) में पिछले लंबे समय से गैंगस्टर्स बेखौफ (gangsters fearless) होकर आपराधिक वारदातों को अंजाम देते आ रहे हैं. कुछेक तो वारदात के बाद बड़ी ही आसानी से देश भी छोड़कर जा चुके हैं. राज्य की कानून-व्यवस्था के लिए सबसे बड़ी चुनौती उस समय आई, जब पिछले साल 29 मई को प्रसिद्ध गायक शुभदीप सिंह उर्फ सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moosewala) की दिन-दिहाड़े हत्या कर दी गई. इसके पीछे कनाडा में बैठे गोल्डी बराड़ को मास्टरमाइंड (Goldie Brar is the mastermind) बताया जा रहा है.
गोल्डी बराड़ गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई गैंग का साथी है. हालांकि, मूसेवाला की हत्या के बाद गैंगस्टरों का भी काला दौर शुरू हो गया और कनाडा में कई गैंगस्टरों की हत्या कर दी गई. इनमें कुछ की हत्या में तो दो गैंग्स की आपसी रंजिश की भी बात सामने आई. अब तक कितने गैंगस्टरों का काम तमाम हो चुका है.
कनाडा में बैठा गोल्डी बराड़ पंजाब में अपने गु्र्गों के जरिए आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा है, लेकिन अभी तक वह कानून की गिरफ्त से बाहर है. गोल्डी बराड़ ही नहीं, बल्कि अन्य कई गैंगस्टर भी इस समय विदेशों में पनाह लिए हुए हैं. हाल ही में एनआईए ने ऐसे 41 गैंगस्टरों के साथ-साथ खालिस्तानी आतंकवादियों की सूची भी जारी की है. एनआईए ने सख्त कदम उठाते हुए पंजाब में इनकी संपत्तियों के बारे में जानकारी देने के लिए एक वाट्सएप नंबर भी जारी किया है.
जबकि कुछ आतंकवादियों पर 5 से 10 लाख का ईनाम भी घोषित किया गया है. वहीं पंजाब पुलिस भी इन अपराधियों के करीबियों की धरपकड़ में जुटी है. उधर, विदेशों में बैठकर भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने वाले इन गैंगस्टरों और खालिस्तानी आतंकवादियों को लेकर भारत सरकार भी एक्शन मोड में है. सरकार की लिस्ट में कई कुख्यात आतंकवादी शामिल हैं, लेकिन पिछले कुछ महीनों में इन आतंकियों में से कुछ की हत्या कर दी गई.
तरनतारन जिले का झब्बाल गांव का रहने वाला खालिस्तान कमांडो फोर्स के सरगना परमजीत सिंह पंजवड़ की 6 मई को पाकिस्तान के लाहौर में हत्या कर दी गई. पंजवड़ पाकिस्तान से अपनी आतंकी गतिविधियों को जारी रखे हुए था. वह 1990 में भारत से फरार होकर पाकिस्तान जा छिपा था और लाहौर में मलिक सरदार सिंह के छद्म नाम से रह रहा था. बताया जा रहा है कि अज्ञात बाइक सवारों ने लाहौर के जौहर कस्बे की सनफ्लावर सोसाइटी में घुसकर उस पर तबाड़तोड़ गोलियां बरसा दी. पजंवड़ पहले पंजाब के सोहल में एक बैंक में नौकरी करता था. बाद में वह आतंकवादियों के संपर्क में आया और खुद का आतंकी संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स खड़ा किया. हाल ही में एनआईए ने उसकी संपत्ति भी कुर्क की है.
26 फरवरी को तरनतारन की गोइंदवाल जेल में बिश्नोई और जग्गू भगवानपुरिया गैंग के बीच हुई गैंगवार में सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड केआरोपी गैंगस्टर मनदीप तूफान और मनमोहन सिंह की हत्या कर दी गई. विरोधी गैंग ने इनकी हत्या की वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर की थी. मोगा के रहने वाले खालिस्तानी समर्थक और अमृतपाल सिह के करीबी अवतार सिंह खंडा की बीती 15 जून को ब्रिटेन के अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद मौत हो गई. उसकी मौत के पीछे जहर देने की बात भी सामने आई थी.
खंडा के बारे में कहा जाता है कि उसने ही पंजाब में वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह को खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई थी. 22 साल की उम्र में खंडा पढ़ाई के लिए ब्रिटेन गया तो वहीं पर वह खालिस्तानियों से संपर्क में आया और फिर खालिस्तानी मूवमेंट का एक्टिव मेंबर बन गया. 18 जून को खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्झर की ब्रिटिश कोलंबिया के सरी में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई. निज्झर की हत्या के पीछे कनाडा में खालिस्तान समर्थकों ने भारत को जिम्मेदार ठहराया.
खालिस्तानियों के दम पर सरकार बनाने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने देश की संसद में भारत के खिलाफ ज़हर उगलते हुए कहा कि कनाडा की धरती पर किसी कनाडाई नागरिक की हत्या में किसी विदेशी सरकार का जुड़ा होना हमारी संप्रभुता उल्लंघन है. ट्रूडो ने निज्झर की हत्या के पीछे जिम्मदार ठहरा दिया, जिसके बाद भारत ने भी सख्ती से जवाब दिया है.
पंजाब से भागे एक और गैंगस्टर अमरप्रीत समरा की 30 जुलाई को कनाडा में गोली मारकर हत्या कर दी गई. इसके कुछ समय बाद उसके भाई रविंदर समरा को भी गोली मार दी गई. इसकी जिम्मेदारी उसके विरोधी गैंग कीपर्स ग्रुप ने ली. समरा कनाडा के टॉप-10 गैंगस्टर्स की सूची में शुमार था. जिस समय उसकी हत्या की गई, उस समय वह एक शादी समारोह में शरीक होकर निकला था. माना जा रहा है कि इन दोनों गैंग्स की आपसी दुश्मनी थी, लेकिन पंजाब के लिए यह अपराधी मोस्ट वॉन्टेंड लिस्ट में शामिल था.
21 सितंबर को कनाडा में ही एक और खालिस्तानी समर्थक की हत्या कर दी गई है. कनाडा में रहने वाले आतंकी सुखदूल सिंह दुन्नेके की अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी है. गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने बंबीहा गैंग के गैंगस्टर सुक्खा दुनोके (सुखदूल) के कत्ल की जिम्मेदारी ली है. दुन्नेके पर आरोप था कि वह खालिस्तानी आतंकियों की मदद करता था. सुखदूल पंजाब के मोगा का रहने वाला था. वह 2017 में पंजाब से फर्जी पासपोर्ट के सहारे भागकर कनाडा पहुंचा था. उसे खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप सिंह का करीबी माना जाता है.
14 अप्रैल को तिहाड़ जेल में हुई गैंगवार में लारेंस बिश्नोई गैंग के गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया की हत्या कर दी गई. इसका आरोप जेल में ही बंद दूसरे गैंगस्टर अताउर रहमान पर लगा. 2 मई को तिहाड़ जेल में गैंगस्टर टिल्लु ताजपुरिया की बड़ी ही बेरहमी के साथ हत्या कर दी गई, जिसकी जिम्मेदारी भी गोल्डी बराड़ ने ली थी. गोल्डी बराड़ लारेंस बिश्नोई गैंग के साथ जुड़ा हुआ है.
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