उज्जैन। कल रात कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर शिप्रा किनारे खूब दीप दान हुआ। उस दौरान शिप्रा का आंचल दीपों की रोशनी से जगमगा रहा था लेकिन आज सुबह दृश्य बदला हुआ था। घाटों पर गंदगी थी और नदी में भी दीपक और अन्य सामग्री तैर रही थी।
उल्लेखनीय है कि पूरे कार्तिक महीने में शिप्रा स्नान और दीपदान का महत्व रहता है। कल पूर्णिमा पर इसका आखिरी अवसर था। कल शाम से ही रामघाट से लेकर छोटे पुल तक दीपदान की भीड़ उमड़ रही थी और नदी में जलते दीये छोड़े जा रहे थे। रात में यहाँ तैरते दीपक नदी की शोभा बढ़ा रहे थे। परंतु आज सुबह नजारा बिल्कुल इसके विपरीत था। रात में नदी में छोड़े गए दीपक, पत्तल व अन्य सामग्री आज सुबह 10 बजे तक नदी में तल पर तैर रही थी। घाटों पर भी तेल और दीयों के कारण फिसलन बनी हुई थी। आसपास के पुजारियों ने बताया कि सुबह 11 बजे तक नगर निगम ने यहाँ सफाई शुरू नहीं कराई थी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved