नई दिल्ली। इजराइल (Israel) ने हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह (Hezbollah Chief Hassan Nasrallah) को शुक्रवार शाम हुई एयरस्ट्राइक में मार गिराया। नसरल्लाह के मारे जाने के बाद इजराइल और लेबनान (Israel and Lebanon) के बीच पूर्ण युद्ध की संभावना के साथ ही कई देशों में टेंशन बढ़ गई है। इस बीच हिजबुल्लाह का खुलकर समर्थन करने वाले ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई दहशत में आ गए हैं। कहा जा रहा है कि वह डर से किसी सुरक्षित स्थान पर छिप गए हैं। उनका एक बयान सामने भी सामने आया है। जिसने कई देशों की टेंशन बढ़ा दी है।
सुरक्षित स्थान पर जाने के बाद अली खामेनेई ने मुस्लिमों से आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि वे लेबनान के लोगों और हिजबुल्लाह के साथ हर संभव तरीके से खड़े हों। खामेनेई ने दुनियाभर के मुसलमानों से अपील की कि वे अपने पास मौजूद साधनों से अत्याचारी, दमनकारी और दुष्ट इजराइल का मुकाबला करें। ये सभी मुसलमानों का दायित्व है। खामेनेई ने कहा- इस क्षेत्र का भाग्य प्रतिरोध की ताकतों से तय होगा, जिसमें हिजबुल्लाह सबसे आगे होगा।
खामेनेई की इस अपील के बाद पश्चिम एशिया में नई जंग की आहट हो गई है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस जंग को नहीं रोका गया तो मध्य पूर्व के साथ ही पश्चिम एशिया के कई देश इसकी चपेट में आ सकते हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इजराइल शांति स्थापित करने के मूड में नहीं है। उसने अमेरिका की 21 दिनों के युद्धविराम की अपील को भी खारिज कर दिया।
इसलिए कहा जा रहा है कि ईरान की ओर से भड़काऊ बयान देने के बाद इजराइल इस जंग को तेज कर सकता है। पश्चिम एशिया में इजराइल के साथ ही आर्मेनिया, अजरबैजान, बहरीन, साइप्रस, जॉर्जिया, इराक, जॉर्डन, कुवैत, लेबनान, ओमान, फिलिस्तीन, कतर, सउदी अरब, सीरिया, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात और यमन जैसे देश आते हैं। ऐसे में अगर जंग तेज होती है तो कई देश लेबनान और फिलिस्तीन का समर्थन करते हुए युद्ध में कूद सकते हैं।
हालांकि इजराइल को भी समर्थन कम नहीं है। मुस्लिम देश जॉर्डन ने इजराइल का सपोर्ट किया है। यहां तक कि उसने अपनी सेना भी भेजी है। ईरान के हमले के खिलाफ भी जॉर्डन इजराइल के साथ खड़ा था। दूसरी ओर, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की एक तस्वीर भी वायरल हो रही है। जिसमें उन्होंने दो मैप दिखाए हैं। इसमें वह भारत और सऊदी को वरदान और ईरान को अभिशाप बताते नजर आ रहे हैं। ऐसे में कई देशों के बीच टेंशन बढ़ सकती है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved