इंदौर/महू। जाम गेट (Jam Gate) में दो सैन्य अफसरों के साथ गई महिला मित्रों के साथ मारपीट, लूट और दुष्कर्म की वारदात ने तूल पकड़ लिया है। मामला इतना बढ़ गया है कि राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने भी इसको लेकर राज्य सरकार को आड़े हाथ लिया है। इस पूरे घटनाक्रम की पड़ताल की गई तो पता चला कि पर्यटन स्थल जाम गेट, जो बडग़ोंदा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है, उसमें करीब 60 गांव शामिल हैं। इस थाने में लगभग 28 पुलिसकर्मियों का ही बल है, जो रात के समय मात्र 6 लोगों का रह जाता है।
बडग़ोंदा थाने में दिन में लगभग 20-22 पुलिसकर्मी अपनी सेवाएं देते हैं, वहीं रात 11 बजे बाद पुलिस थाने में सिर्फ 6 पुलिसकर्मी ही रहते हैं, जिनमें 1 एएसआई, 1 हवलदार, 1 पुलिसकर्मी 100 नंबर वाहन में, 1 पुलिसकर्मी पीसीआर वाहन में, 1 पुलिसकर्मी पुलिस थाने के कम्प्यूटर रूम में, वही एक और पुलिसकर्मी फरियादियों की रिपोर्ट लिखने के लिए आरक्षित रहता है। कुल 6 पुलिसकर्मी ही पूरे थाना क्षेत्र में आने वाले 60 से ज्यादा गांवों की निगरानी के लिए तैनात रहते हैं। इनमें भी फील्ड पर सिर्फ तीन पुलिसकर्मी ही वारदात स्थल पर जाने के लिए होते हैं। वहीं बाकी तीन पुलिसकर्मी सिर्फ थाने में ही रहते हैं।
जब वारदात हो जाती है उसके बाद ही पुलिसकर्मियों को बल मांगना पड़ता है। तब सबसे पहले थाना प्रभारी ही मौके पर पहुंचते हैं। उसके बाद ही विभिन्न पुलिसकर्मियों का बल घटनास्थल पर पहुंचता है। यह स्थिति सिर्फ बडग़ोंदा थाने की ही नहीं है, ग्रामीण इलाकों के सिमरोल, खुड़ैल, सांवेर,बेटमा, किशनगंज जैसे कई थानों में पुलिस बल की कमी है, जिससे कई मामलों की विवेचना में भी देरी होती है। साथ ही बड़ी घटनाओं के बाद की जांच में भी परेशान आती है। सूत्रों के मुताबिक जाम गेट में हुई लूट, मारपीट और सामूहिक दुष्कर्म की घटना का पता चलने के बाद भी सबसे पहले मात्र तीन पुलिसकर्मी ही सैन्य अफसर के साथ घटनास्थल पर पहुंचे थे।
वारदात के बाद घटनास्थल पर पुलिस से पहले पहुंच गए थे सेना के जवान
इस पूरे मामले की जानकारी जुटाने के लिए कल रात 10 बजे अग्निबाण की टीम इंदौर से 50 किलोमीटर दूर पर्यटन स्थल जाम गेट पहुंची। यहां अग्निबाण की टीम ने सेना के प्रतिबंधित क्षेत्र फायरिंग रेंज में घुसकर घटनास्थल का जायजा लिया तो वारदात स्थल से कुछ दूरी पर स्थित एवरफ्रेश दुकान के दुकानदारों ने बताया कि रात 8 बजे के लगभग घटनास्थल पर हादसे का शिकार हुए सैन्य अफसरों के लगभग 40 से ज्यादा साथी अपने निजी वाहनों से पहुंचे थे। सभी सेना के जवानों ने अपने स्तर पर यहां ग्रामीणों से जानकारियां जुटाईं और इसके बाद वे वापस महू आर्मी क्षेत्र में लौट गए। वहीं इसके पहले सभी बडग़ोंदा गांव स्थित पुराने थाने पर भी गए थे, मगर वहां एक भी पुलिसकर्मी नहीं मिला, जिसके बाद सभी फौजी जाम गेट की ओर रवाना हो गए थे।
फरार इनामी बदमाशों की तलाश में पीथमपुर-मंडलेश्वर पहुंची पुलिस
इंदौर। इंदौर जिले के महू क्षेत्र के अंतर्गत प्रतिबंधित क्षेत्र फायरिंग रेंज में 2 दिन पूर्व घटित हुई घटना के बाद जहां पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, वहीं तीन फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस जंगल की खाक छान रही है। रातभर पीथमपुर, मानपुर, मंडलेश्वर के अलावा जाम गेट के जंगलों में भी सर्चिंग अभियान चलाया गया। तीसरे मुलजिम से आज पुलिस ने पिस्टल बरामद कर ली। देहात एसपी रितिका वासल ने बताया कि बताया कि पुलिस ने जिस रीतेश भामर को मानपुर के जंगल से पकडा, उसने प्रशिक्षु अफसर कौशलसिंह को पिस्तौल दिखाई थी। वह पूर्व में हत्या भी कर चुका है। आज उसकी निशानदेही पर पिस्टल बरामद कर ली गई। एसपी बताया कि रात को पुलिस ने वांचू पॉइंट के साथ घाट वाले क्षेत्र तथा आसपास के जंगलों में लगातार सर्चिंग अभियान चलाया। खबर मिली थी कि फरार आरोपी रोहित गिरवाल, संदीपसिंह बारिया, सचिन मकवाना मंडलेश्वर, पीथमपुर व मानपुर में हो सकते हैं। उस आधार पर अलग-अलग टीमें वहां पहुंची थीं। आज रीतेश को कोर्ट में पेश कर उसका रिमाड मांगा जाएगा, ताकि कुछ और जानकारी उससे मिल सके।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved