इन्दौर। कल एक अस्पातल (Hospital) में मरीज (Patient) की मौत के बाद शव परिजनो को नहीं दिया गया। बाद में जब परिजनों के साथ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर (Collector) से बात की, तब जाकर अस्पताल (Hospital) प्रबंधन (Management) इलाज की बकाया राशि में कटौती करने को मजबूर हुआ और शव परिजनों को सौंप दिया गया।
मामला गोकुलदास ( Gokuldas) अस्पताल (Hospital) का है, जहां पिछले कई दिनों से एक व्यक्ति भर्ती था, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अस्पताल (Hospital) प्रबंधन ने साढ़े तीन लाख रुपये का बिल (Bill) जमा करने के लिए कहा, लेकिन मरीज (Patient) का बेटा इतने पैसे जमा नहीं कर सकता था तो प्रबंधन (Management) ने उसका शव ही नहीं दिया। इस पर उसके बेटे ने इन्दौर हास्पिटल (Hospital) पीडि़त परिवार संघ के जीतू कुशवाह, राम गुडेले, जिमी चौहान, विकास यादव, राजकुमार कौशल से संपर्क किया तो उन्होंने सीधे कलेक्टर (Collector) से पीडि़त परिवार को लेकर बात की। इस पर कलेक्टर (Collector) ने अस्पताल (Hospital) प्रबंधन (Management) को आदेश दिया और 50 हजार रुपये जमा कराने के बाद शव उनके पुत्र को सौंपा गया। बताया जाता है कि पीडि़त के पास आयुष्मान कार्ड (Ayushman Card) भी था, लेकिन अस्पताल (Hospital) प्रबंधन (Management) ने उसे लेने से मना कर दिया था।
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