इंदौर। कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ अब जिलाध्यक्षों की सर्जरी करने के मूड में दिखाई दे रहा है। जिन नगर निगम और जिला पंचायतों में कांग्रेस का खराब प्रदर्शन रहा है, वहां के अध्यक्षों को पहले दौर में हटाए जाने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। कमलनाथ की निजी टीम ने इसकी रिपोर्ट बनाना शुरू कर दी है। कहा तो यह भी जा रहा है कि इंदौर शहर और जिला अध्यक्ष भी इससे प्रभावित हो सकते हैं।
विदेश से लौटने के बाद कमलनाथ 2023 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकरपार्टी की सर्जरी करने में लगे हैं। पिछले सप्ताह कई जिलों के संगठन प्रभारियों की रवानगी कर दी थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट पूछ लिया था कि अगर वे 2023 में चुनाव लडऩा चाहते हैं तो प्रभारी पद छोड़ दें। अब बारी जिला और शहर अध्यक्षों की हैं, जिनके रहते स्थानीय निकाय चुनाव में प्रत्याशियों का खराब प्रदर्शन रहा और कांग्रेस के लोगों ने ही अधिकृत प्रत्याशियों के लिए काम नहीं किया तो कइयों ने अपने ही प्रत्याशी को हराने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कमलनाथ ने जो जानकारी निकाली है, उसमे इंदौर भी शामिल हैं जो प्रत्याशी यहां हारे हैं, उन्होंने अपनी हार के कारण भी भोपाल जाकर गिनाए हैं।
महापौर के लिए लडऩे वाले संजय शुक्ला अकेले ही चुनावी मैदान में नजर आए। ग्रामीण क्षेत्र में भी कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई और इंदौर जनपद तो उसने अपने हाथ से गंवा दी, जबकि यहां उसका बहुमत था। जनपद पंचायत, जिला पंचायत के बाद भाजपा के पास सातों नगर पंचायतों की सीटें भी चली गईं, जबकि कांग्रेस को एक सीट से संतोष करना पड़ा। इस पूरी जानकारी के बाद अब यहां के अध्यक्षों से भी पूछताछ की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही जिला और शहर अध्यक्षों की सूची तैयार की जा रही है। चूंकि बाकलीवाल कमलनाथ के करीबी हैं, लेकिन स्वास्थ्यगत कारणों के चलते उनके स्थान पर एक कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति की जा सकती है तो जिलाध्यक्ष सदाशिव यादव को लेकर भी निर्णय लिया जा सकता है।
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